AajTak : Apr 21, 2020, 09:10 AM
कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर की इकोनॉमी रेंगती हुई नजर आ रही है। लेकिन इस माहौल में भी भारत के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, चीन में सक्रिय करीब 1000 कंपनियां अब भारत में मौके की तलाश कर रही हैं।
बिजनेस टुडे की एक खबर के मुताबिक कोरोना वायरस के कारण चीन में विदेशी कंपनियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस माहौल में लगभग 1000 विदेशी कंपनियां भारत में एंट्री की सोच रही हैं। इनमें से करीब 300 कंपनियां भारत में फैक्ट्री लगाने को पूरी तरह से मूड बना चुकी हैं। इस संबंध में सरकार के अधिकारियों से बातचीत भी चल रही है।
चीन के लिए बड़ा झटका
बिजनेस टुडे से बातचीत में केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, 'वर्तमान में लगभग 1000 कंपनियां विभिन्न स्तरों पर बातचीत कर रही हैं। इन कंपनियों में से हमने 300 कंपनियों को लक्षित किया है।' केंद्र सरकार के अधिकारी के मुताबिक कोरोना वायरस के नियंत्रण में आने के बाद स्थिति हमारे लिए बेहतर होगी और भारत वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरेगा।
बिजनेस टुडे के मुताबिक लक्षित 300 कंपनियां मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज, टेक्सटाइल्स और सिंथेटिक फैब्रिक्स के क्षेत्र में सक्रिया हैं और अब भारत में आना चाहती हैं। अगर सरकार की ओर से पॉजिटिव रिस्पॉन्स रहा तो यह चीन के लिए बड़ा झटका होगा। इसके साथ ही चीन के हाथों से मैन्युफैक्चरिंग हब का तमगा छिन जाने का खतरा मंडराने लगेगा।
विदेशी निवेशकों को लुभाने में जुटी सरकार
केंद्र की मोदी सरकार लगातार विदेशी निवेशकों में लुभाने में जुटी है। इसके लिए सरकार ने कई बड़े ऐलान भी किए हैं। बीते साल कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 25।17 फीसदी कर दिया था। वहीं नई फैक्ट्रियां लगाने वालों के लिए ये टैक्स घटकर 17 फीसदी पर ला दिया गया है। यह टैक्स दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे कम है।
सरकार ने मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (MAT) में राहत दी है। कंपनियों को अब 18।5 फीसदी की बजाय 15 फीसदी की दर से मैट देना होता है। दरअसल, MAT उन कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा तो कमाती हैं लेकिन रियायतों की वजह से इन पर टैक्स की देनदारी कम होती है।
बिजनेस टुडे की एक खबर के मुताबिक कोरोना वायरस के कारण चीन में विदेशी कंपनियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस माहौल में लगभग 1000 विदेशी कंपनियां भारत में एंट्री की सोच रही हैं। इनमें से करीब 300 कंपनियां भारत में फैक्ट्री लगाने को पूरी तरह से मूड बना चुकी हैं। इस संबंध में सरकार के अधिकारियों से बातचीत भी चल रही है।
चीन के लिए बड़ा झटका
बिजनेस टुडे से बातचीत में केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, 'वर्तमान में लगभग 1000 कंपनियां विभिन्न स्तरों पर बातचीत कर रही हैं। इन कंपनियों में से हमने 300 कंपनियों को लक्षित किया है।' केंद्र सरकार के अधिकारी के मुताबिक कोरोना वायरस के नियंत्रण में आने के बाद स्थिति हमारे लिए बेहतर होगी और भारत वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरेगा।
बिजनेस टुडे के मुताबिक लक्षित 300 कंपनियां मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज, टेक्सटाइल्स और सिंथेटिक फैब्रिक्स के क्षेत्र में सक्रिया हैं और अब भारत में आना चाहती हैं। अगर सरकार की ओर से पॉजिटिव रिस्पॉन्स रहा तो यह चीन के लिए बड़ा झटका होगा। इसके साथ ही चीन के हाथों से मैन्युफैक्चरिंग हब का तमगा छिन जाने का खतरा मंडराने लगेगा।
विदेशी निवेशकों को लुभाने में जुटी सरकार
केंद्र की मोदी सरकार लगातार विदेशी निवेशकों में लुभाने में जुटी है। इसके लिए सरकार ने कई बड़े ऐलान भी किए हैं। बीते साल कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 25।17 फीसदी कर दिया था। वहीं नई फैक्ट्रियां लगाने वालों के लिए ये टैक्स घटकर 17 फीसदी पर ला दिया गया है। यह टैक्स दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे कम है।
सरकार ने मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (MAT) में राहत दी है। कंपनियों को अब 18।5 फीसदी की बजाय 15 फीसदी की दर से मैट देना होता है। दरअसल, MAT उन कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा तो कमाती हैं लेकिन रियायतों की वजह से इन पर टैक्स की देनदारी कम होती है।