News18 : Aug 08, 2020, 08:53 AM
नई दिल्ली। खाद्य मंत्री राम विलास पासवान (Food Minister Ram Vilas Paswan ) ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana -PMGKAY) के तहत जुलाई में मुफ्त अनाज का वितरण नहीं किया। उन्होंने बताया कि पहले तीन महीनों में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने पीएमजीकेएवाई के तहत करीब 95 प्रतिशत लाभार्थियों को अनाज का वितरण किया। लेकिन जुलाई में वितरण 62 प्रतिशत पर आ गया।’
ट्विटर पर ट्वीट करके उन्होंने बताया किइसके परिणामस्वरूप राशन दुकानों के जरिए मुफ्त खाद्यान्न पिछले महीने 81 करोड़ लाभार्थियों में से केवल 62 प्रतिशत तक ही पहुंच पाया। उन्होंने राज्यों से अनाज वितरण में तेजी लाने का आग्रह किया। पासवान ने कहा कि जुलाई में कम अनाज वितरण का कारण यह भी है कि कुछ राज्य दो महीने, तीन महीने या छह महीने में एक बार में ही अनाज वितरण का कार्यक्रम चलाते रहे हैं।इसके अंतर्गत प्रति लाभार्थी को 5 किलो अनाज (गेहूं या चावल) और एक किलो चना उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना शुरू में तीन महीने के लिए लागू की गयी थी लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर नवंबर तक कर दिया गया। पासवान ने कहा, ‘राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ सेवा मार्च 2021 तक पूरे देश में होगी लागू- राम पासवान ने कहा कि राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ सेवा ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ से मार्च, 2021 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक 24 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को इससे जोड़ा जा चुका है।जून में कुल 49।87 करोड़ को अनाज वितरित किया-उन्होंने कहा कि पिछले महीने कुल 81 करोड़ लाभार्थियों में से 49।87 करोड़ को अनाज वितरित किया गया। इन्हें करीब 24।94 लाख टन अनाज वितरित किये गये।पासवान ने यह भी कहा कि पंजाब, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, पुडुचेरी, नगालैंड, मिजोरम, लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह समेत 11 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने जुलाई माह में अनाज का वितरण नहीं किया।उन्होंने कहा कि माह के दौरान करीब नौ राज्यों ने 90 प्रतिशत वितरण किया जबकि पांच राज्यों ने 80 प्रतिशत अनाज मुफ्त वितरण किया।पीएमजीकेएवाई के तहत अप्रैल से ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत चिन्हित लाभार्थियों को मुफ्त अनाज का वितरण किया जा रहा है। इस पहल का मकसद कोविड-19 महामारी के कारण लोगों को होने वाली कठिनाइयों से राहत दिलाना है।
ट्विटर पर ट्वीट करके उन्होंने बताया किइसके परिणामस्वरूप राशन दुकानों के जरिए मुफ्त खाद्यान्न पिछले महीने 81 करोड़ लाभार्थियों में से केवल 62 प्रतिशत तक ही पहुंच पाया। उन्होंने राज्यों से अनाज वितरण में तेजी लाने का आग्रह किया। पासवान ने कहा कि जुलाई में कम अनाज वितरण का कारण यह भी है कि कुछ राज्य दो महीने, तीन महीने या छह महीने में एक बार में ही अनाज वितरण का कार्यक्रम चलाते रहे हैं।इसके अंतर्गत प्रति लाभार्थी को 5 किलो अनाज (गेहूं या चावल) और एक किलो चना उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना शुरू में तीन महीने के लिए लागू की गयी थी लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर नवंबर तक कर दिया गया। पासवान ने कहा, ‘राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ सेवा मार्च 2021 तक पूरे देश में होगी लागू- राम पासवान ने कहा कि राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ सेवा ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ से मार्च, 2021 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक 24 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को इससे जोड़ा जा चुका है।जून में कुल 49।87 करोड़ को अनाज वितरित किया-उन्होंने कहा कि पिछले महीने कुल 81 करोड़ लाभार्थियों में से 49।87 करोड़ को अनाज वितरित किया गया। इन्हें करीब 24।94 लाख टन अनाज वितरित किये गये।पासवान ने यह भी कहा कि पंजाब, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, पुडुचेरी, नगालैंड, मिजोरम, लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह समेत 11 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने जुलाई माह में अनाज का वितरण नहीं किया।उन्होंने कहा कि माह के दौरान करीब नौ राज्यों ने 90 प्रतिशत वितरण किया जबकि पांच राज्यों ने 80 प्रतिशत अनाज मुफ्त वितरण किया।पीएमजीकेएवाई के तहत अप्रैल से ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत चिन्हित लाभार्थियों को मुफ्त अनाज का वितरण किया जा रहा है। इस पहल का मकसद कोविड-19 महामारी के कारण लोगों को होने वाली कठिनाइयों से राहत दिलाना है।