कोरोनावाइरस / यहां क्रूज में 90 दिनों से फंसे 1500 भारतीयों ने मोदी सरकार से लगाई गुहार

लंदन । कोरोना वायरस के संक्रमण के संकट के कारण ब्रिटेन के बंदरगाह पर खड़े क्रूज जहाजों में फंसे भारतीय चालक दल के सैकड़ों सदस्यों ने अपनी भारत वापसी की अपील की है । ऑल इंडिया सीफेरर और जनरल वर्कर्स यूनियन का दावा है कि ब्रिटेन के बंदरगाहों पर खड़े जहाजों में करीब 1500 भारतीय चालक दल के सदस्य फंसे हुए हैं । कई लोगों ने जहाज पर ही भूख-हड़ताल शुरू कर दी है

Vikrant Shekhawat : Jun 20, 2020, 10:33 PM

लंदन  कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के संकट के कारण ब्रिटेन के बंदरगाह (Port Of Britain) पर खड़े क्रूज जहाजों (Cruise Ship) में फंसे भारतीय चालक दल के सैकड़ों सदस्यों ने अपनी भारत वापसी की अपील की है  ऑल इंडिया सीफेरर और जनरल वर्कर्स यूनियन का दावा है कि ब्रिटेन के बंदरगाहों पर खड़े जहाजों में करीब 1500 भारतीय चालक दल के सदस्य फंसे हुए हैं 


90 दिन से फंसे हैं भारतीय चालक दल के सदस्य


बंदरगाह पर खड़े जहाजों में से एक का संदर्भ देते हुए यूनियन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखा है उन्होंने कहा है कि यह ब्रिटेन के टिलबरी बंदरगाह पर खड़े जहाज एमवी एस्टोरिया में फंसे चालक दल के 264 भारतीय सदस्यों के संदर्भ में है 16 जून को लिखे इस पत्र में कहा गया है कि इस कोरोना वायरस महामारी के दौरान हमारे भारतीय नागरिक पिछले 90 दिन से विदेशी जल सीमा में फंसे हुए हैं और उन्हें मदद की जरूरत है तय उड़ान भी दस्तावेजों की कमी के कारण रद्द हो गई  कई लोगों ने जहाज पर ही भूख-हड़ताल शुरू कर दी है


ब्रिटिश समुद्री एवं तटरक्षक एजेंसी (एमसीए) ने उक्त जहाज को जब तक जांच नहीं हो जाती टिलबरी बंदरगाह पर रोक कर रखा है. जहाज का निरीक्षण करने के बाद एमसीए ने एस्टोरिया और उस ऑपरेटर के चार अन्य जहाजों एस्टर, कोलंबस, वास्को डि गामा और मार्को पोलो को भी रोके रखने का आदेश जारी कर दिया 


एमसीए ने एक बयान में कहा है कि जहाजों को बंदरगाह पर रोका जाना ब्रिटिश नियमों के तहत एहतियाती कदम है, ताकि उन्हें भेजने से पहले श्रम कानूनों के तहत उनकी पूरी जांच की जा सके  एमसीए का कहना है कि जांच पूरी होने तक जहाज बंदरगाह से नहीं जा सकते