Science / Space में मलबे के 16 करोड़ टुकड़े, ये देश करने जा रहा सफाई

इसमें कोई आश्‍चर्य की बात नहीं है कि हमारे पृथ्‍वी ग्रह के आसपास अंतरिक्ष में तेजी से मलबा एकत्र हो रहा है। कई देशों ने 'Space war' में हिस्‍सा लेते हुए अपने भी सैटेलाइट ग्रह के चारों ओर तैनात कर दिए हैं। इन्‍हीं सैटेलाइट्स और टेक्‍नॉलॉजी ने अंतरिक्ष को मलबे से भर दिया है। वैज्ञानिक चिंतित हैं क्‍योंकि पृथ्वी के चारों ओर बढ़ता यह मलबा भविष्‍य में अंतरिक्ष की खोज में एक बाधा बन सकता है।

Zee News : Sep 18, 2020, 06:30 AM
नई दिल्‍ली: इसमें कोई आश्‍चर्य की बात नहीं है कि हमारे पृथ्‍वी ग्रह के आसपास अंतरिक्ष में तेजी से मलबा एकत्र हो रहा है। कई देशों ने 'Space war' में हिस्‍सा लेते हुए अपने भी सैटेलाइट ग्रह के चारों ओर तैनात कर दिए हैं। इन्‍हीं सैटेलाइट्स और टेक्‍नॉलॉजी ने अंतरिक्ष को मलबे से भर दिया है। वैज्ञानिक चिंतित हैं क्‍योंकि पृथ्वी के चारों ओर बढ़ता यह मलबा भविष्‍य में अंतरिक्ष की खोज में एक बाधा बन सकता है।


ब्रिटेन ने की सफाई की पहल 

लिहाजा ब्रिटेन ने अंतरिक्ष को थोड़ा साफ करने के लिए प्रयास शुरू किया है। देश के बिजनेस सेक्रेटरी आलोक शर्मा ने हाल ही में देश की अंतरिक्ष एजेंसी - UKSA के जरिए सफाई करने के लिए एक फंड की घोषणा की है। 1 मिलियन पौंड (लगभग $ 12,96,880) की इस फंडिंग का उपयोग अंतरिक्ष के मलबे को साफ करने के लिए किया जाएगा। हालांकि मलबे को हटाने का कोई ठोस तरीका अभी तक नहीं सोचा गया है।

कई वैज्ञानिक पृथ्वी की लो ऑर्बिट में फैले मलबे को लेकर चिंतित हैं क्‍योंकि इससे अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) को खतरा हो सकता है।

अंतरिक्ष में हर चीज का आकार बहुत मायने रखता है। जैसे- मलबे के छोटे टुकड़े बहुत घातक साबित हो सकते हैं क्‍योंकि अंतरिक्ष में उन्‍हें खोजना मुश्किल है। जानकारियों के मुताबिक पृथ्वी ग्रह के चारों ओर अंतरिक्ष में मलबे के लगभग 16 करोड़ टुकड़े हैं। यह टुकड़े ग्रह के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में हैं और 18 हजार मील प्रति घंटे की रफ्तार से ग्रह के चारों ओर चक्कर लगा रहे हैं।


इतना ही नहीं इन 16 करोड़ टुकड़ों में से कम से कम 10 लाख टुकड़े 1 सेंटीमीटर से बड़े हैं, जिनके उपग्रहों के साथ टकराने का खतरा हमेशा बना रहता है।

वैज्ञानिकों को चिंता है कि ऐसा मलबा विनाश पैदा कर सकता है। यानी किसी एक उपग्रह से मलबे के टकराने से होने वाली क्षति बड़े पैमाने पर ग्‍लोबल सैटेलाइट टेक्‍नॉलॉजी को नुकसान पहुंचा सकती है। 

इसके मतलब का एक छोटा सा अंदाजा आप इससे ही लगा सकते हैं कि यदि हमारे सैटेलाइट कनेक्शन को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचे तो हम मैप टेक्‍नॉलॉजी को ही खो देंगे, जिसने पूरी दुनिया के लिए नेविगेशन को आसान बना दिया है। इसी तरह मोबाइल कम्‍युनिकेशन, मौसम की भविष्‍यवाणी जैसी कई चीजें हैं जिनमें रुकावट आ सकती हैं।