Vikrant Shekhawat : May 19, 2021, 11:21 AM
मुजफ्फरपुर: परीक्षण किटों की कमी, खराब कोविड-19 प्रबंधन और चिकित्सा उपकरणों की कालाबाजारी कुछ ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से बिहार के कुछ गांव कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे हैं और दूसरे राज्यों की तुलना में बदतर हालात में हैं।बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड में पिछले 27 दिनों में 36 लोगों की मौत के बाद अब दहशत का माहौल है। ग्रामीण चिंतित हैं कि मौतें कोविड-19 संक्रमण के कारण हो सकती हैं। हालांकि स्थानीय प्रशासन ने उनके दावों का खंडन किया है।मामले मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के सरमस्तपुर पंचायत से सामने आए हैं, जहां हाल ही में खांसी और बुखार जैसे लक्षणों के बाद कई लोगों की मौत हुई है। दहशत के चलते अब गांवों की सड़कें सूनसान नजर आ रही हैं।एक स्थानीय ने बताया कि कम समय में 36 लोगों की मौत हो गई और आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई और लोग बीमार हैं।सकरा प्रखंड के सरपंच प्रमोद कुमार गुप्ता ने दावा किया कि जहां कुछ बुजुर्गों की मौत हुई है, वहीं बाकी ने खांसी, जुकाम और बुखार से दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन को अचानक हुई मौतों के बारे में सूचित किया और मामले की जांच का अनुरोध किया।गुप्ता ने कहा, ''पिछले 27 दिनों में खांसी और सर्दी के कारण 36 मौतें दर्ज की गई हैं। मैंने प्रखंड चिकित्सा अधिकारी को जांच के लिए सूचित किया था, लेकिन किट नहीं थी। इसके बाद मैंने जिलाधिकारी से किट मांगी और मौत के कारणों का पता लगाने को कहा। किट अब उपलब्ध करा दी गई हैं और परीक्षण किया जा रहा है।''सकरा पीएचसी प्रभारी संजीव कुमार ने ग्रामीणों के दावों का खंडन किया है और कहा है कि कोरोना वायरस के कारण सभी की मृत्यु नहीं हुई है। कई लोग अन्य बीमारियों से मरे हैं।संयोग से सकरा के एक गांव से पुलिस ने कालाबाजारी में लगे हजारों रैपिड एंटीजन किट, सैनिटाइजर और अन्य चिकित्सा उपकरण जब्त किए।बिहार ने मंगलवार को 111 कोविड-19 मौतें दर्ज कीं, जोकि एक दिन में सबसे ज्यादा हैं, जिसमें मरने वालों की संख्या 4,000 के पार पहुंच गई है। यह एक बार फिर राज्य में मौजूदा गंभीर स्थिति को दर्शाता है। राज्य का मौत का आंकड़ा अब 4,039 तक पहुंच गया है।