BPSC Paper Leak Case: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त परीक्षा को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। परीक्षा के नतीजों और प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के खिलाफ अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज और पानी की बौछार के बाद यह मुद्दा और अधिक गरमा गया है। इसके चलते राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम का आह्वान किया गया है।
अभ्यर्थियों की मांग और प्रदर्शन
अभ्यर्थी परीक्षा को रद्द करने और नई परीक्षा आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं की गई। रविवार को जब अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंपने के लिए जा रहे थे, तभी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज के साथ-साथ ठंड के मौसम में पानी की बौछार का भी इस्तेमाल किया।
राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना को लेकर राज्य में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे पर पत्र लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि कुछ लोग आंदोलन को हाइजैक करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर छात्र आंदोलन को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। तेजस्वी ने अभ्यर्थियों के समर्थन में रीएग्जाम कराने की मांग भी की।
वाम दल का चक्का जाम और बिहार बंद
वाम दल, खासकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले), ने सोमवार को पूरे बिहार में चक्का जाम का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि रेल परिचालन को भी रोका जाएगा। छात्र संगठनों AISA और RYA ने भी इस बंद का समर्थन किया है। वाम दल का कहना है कि यह आंदोलन छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है।
सरकार की प्रतिक्रिया
पुलिस लाठीचार्ज और ठंड में पानी की बौछार के इस्तेमाल पर सरकार की ओर से अब तक कोई विस्तृत बयान नहीं आया है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया।
निष्कर्ष
BPSC की 70वीं संयुक्त परीक्षा का विवाद केवल परीक्षा प्रक्रिया तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह राज्य की राजनीतिक दिशा को भी प्रभावित कर रहा है। अभ्यर्थियों के विरोध और राजनीतिक दलों के समर्थन से यह मुद्दा अब सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। इसे सुलझाने के लिए पारदर्शी संवाद और उचित कदम उठाने की जरूरत है, ताकि अभ्यर्थियों का भरोसा बहाल हो सके और राज्य में शांति बनी रहे।