Vikrant Shekhawat : Aug 31, 2021, 03:35 PM
फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में वायरल फीवर और डेंगू का कहर कम नहीं हो रहा है। यहां पिछले 10 दिनों में 32 बच्चों समेत 39 लोगों की मौत हो गई है। डेंगू के कहर को देखते हुए प्रशासन ने कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूल 6 सितंबर तक बंद रखने के आदेश दिए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को फिरोजाबाद पहुंचे। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जाना। इसके बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों (बच्चों) के परिजनों से मुलाकात की।सीएम योगी ने डेंगू और वायरल के मामलों की शासन स्तर पर जांच कराए जाने और मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ सेवाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री सुदामा नगर में पहुंचे। वहां पीड़ित और उनके परिवारों से भी मुलाकात की। वहीं, मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हंसराज ने बताया कि अभी तक बच्चों में डेंगू और वायरल के लक्षण पाए गए हैं। जांच में कोविड की पुष्टि नहीं हुई है।मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल का पहला मामला 18 अगस्त को सामने आया था। इसके बाद डेंगू के मरीज प्राइवेट डॉक्टरों के पास पहुंचने लगे। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ हंसराज ने बताया कि अभी तक बच्चों में डेंगू और वायरल के लक्षण पाए गए हैं। जांच में कोविड की पुष्टि नहीं हुई है।वेस्ट यूपी में बढ़े डेंगू और मलेरिया के मरीजवेस्ट यूपी के कई जिलों में बुखार ने पैर पसार लिए हैं। मेरठ, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, बागपत, बिजनौर, रामपुर, मुरादाबाद, हापुड़, कासंगज वगैरह जिलों में वायरल फीवर और डेंगू के मामले सामने आए हैं। इसके साथ की कुछ जिलों में मरीजों की मौतें भी हुई हैं।मॉनसून में फ्लू का प्रकोप होता है। यह कॉमन फ्लू होता है, घर में किसी को होने पर पूरे परिवार तक फैलने का खतरा रहता है। डेंगू और मलेरिया के मरीजों में भी वृद्धि हो रही है। इन बीमारियों के बचाव के साथ कोविड-19 की तीसरी लहर की संभावना के तहत कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना बेहद जरूरी है।डॉक्टर संजय भार्गवमेरठ में बढ़े वायरल फीवर के केसमेरठ के सीएमओ ने बताया कि जिला अस्पताल और मेरठ मेडिकल कॉलेज में बुखार के मरीजों की ओपीडी बढ़ी है। निजी चिकित्सकों के पास भी काफी मरीज पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेरठ में अभी डेंगू और मलेरिया के कुछ मरीज मिले हैं लेकिन वायरल फीवर के मरीजों की संख्या ज्यादा है। अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. राजकुमार का कहना है कि मेरठ मंडल में बुखार से मौत का मामला कोई मामला सामने नहीं आया है। वायरल फीवर के मामले जरूर बढ़े हैं।निजी चिकित्सकों का कहना है कि बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बाल रोग विशेषज्ञों के मुताबिक वायरल बढ़ा है, कोरोना की पुष्टि किसी केस में नहीं हुई है। फिलहाल मच्छरों से बचाव की खास जरूरत है। मथुरा की मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर रचना गुप्ता बताया कि मरीजों के नमूने लिए गए हैं। सीएमओ के मुताबिक वायरल और डेंगू आदि के लक्षण है, लेकिन कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है।बिजनौर, सहारनपुर में भी कोरोना की पुष्टि नहींस्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सहारनपुर के जिला अस्पताल में हर दिन करीब दो बार मरीजों को देखा जाता है। इनमें से एक चौथाई मरीज वायरल फीवर के आ रहे हैं। मौत का कोई मामला नहीं है। बच्चों में वायरल बुखार की तादाद भी अभी कम ही है। बिजनौर में भी वायरल के मरीज जरूर मिल रहे हैं, लेकिन कोरोना या मौत होने की कोई पुष्टि नहीं हुई हैं।मथुरा में बुखार से 12 लोगों की मौतमथुरा के कुछ गांव में बुखार की वजह से अब तक बच्चों सहित कई लोगों की जान जा चुकी है। मौतों के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने बुखार से पीड़ित लोगों के सैंपल लिए तो उनमें डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर के अलावा अब स्क्रब टाइफस नामक बीमारी की पुष्टि हुई। इस बीमारी में सामान्य बुखार के साथ शरीर में छोटे-छोटे दाने, चकत्ते हो जाते हैं। ऐसा होने पर लोगों को तुरंत ही उपचार कराना चाहिए।फरह ब्लॉक के गांव कोंह में 26 मरीजों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में कैंप लगाए। इसके साथ ही इसी गांव में डेंगू के 62 और पिपरौठ गांव में 11 केस मिले हैं जबकि सकरवा में 1 मरीज में डेंगू की पुष्टी हुई है। जिले में बुखार से मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 12 पर पहुंच गई है। सीएमओ डॉ. रचना गुप्ता ने डीएम नवनीत चहल को भी इस स्थिति से अवगत कराया है। कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ. भूदेव सिंह ने बताया कि बीमारी को लेकर कुछ रिपोर्ट आई हैं। ट्रेसिंग के साथ सुधार कार्य जारी है।अलीगढ़ में बढ़े डेंगू, मलेरिया के केसअलीगढ़ के जिला अस्पताल में भी वायरल, सर्दी, खांसी के मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हुई है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं। जिला मलखान सिंह अस्पताल के सीएमएस रामकिशन ने बताया में पिछले दिनों से मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। बाल रोग ओपीडी सहित अन्य ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में लगातार भी बढ़ोतरी हुई है। वहीं बच्चा वॉर्ड फुल है। इसी तरह का हाल पंडित दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय का भी है।इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतरौली, हरदुआगंज, गभाना, जवां, छर्रा, बिजौली इगलास, खैर पर भी वायरल, खांसी, सर्दी के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हरदुआगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. बृजमोहन ने बताया मौसम परिवर्तन के चलते खांसी, जुखाम, वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।वहीं, डॉक्टर संजय भार्गव ने बताया कि मॉनसून में फ्लू का प्रकोप होता है। यह कॉमन फ्लू होता है, घर में किसी को होने पर पूरे परिवार तक फैलने का खतरा रहता है। वहीं डेंगू और मलेरिया के मरीजों में भी वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि इन बीमारियों के बचाव के साथ कोविड-19 की तीसरी लहर की संभावना के तहत कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना बेहद जरूरी है।102 से ऊपर आ रहा बुखारडॉक्टरों ने बताया कि वायरल मरीजों को तेजी से गिरफ्त में ले रहा है। तेज बुखार आ रहा है। बुखार 102 डिग्री से ऊपर जाकर बढ़ता चला जाता है। प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं। इसमें मरीजों का गला सूख जाता है। डॉक्टरों की मानें तो तेज बुखार के कारण ही डिहाइड्रेशन हो रहा है और शरीर में पानी की कमी हो रही है।वायरल कम होने में लग रहा 10 दिन का समयसामान्य वायरल 5 दिनों में उतर जाता है लेकिन यह वायरल 10 दिनों तक कम नहीं हो रहा है। इसलिए डॉक्टर इसे सामान्य वायरल से अलग मान रहे हैं। डॉक्टरों ने बताया कि 10 से 12 दिन के बाद फीवर कम होना शुरू हो रहा है। रिकवरी का समय ज्यादा लगने के कारण अस्पतालों में उन्हें ज्यादा दिन भर्ती रखना पड़ रहा है।डॉक्टर बोले, ये सावधानियां बरतें- घर और आसपास सफाई रखें, पानी एकत्र न होने दें- ताजा और सादा खाना ही खाएं, ज्यादा तले-भुने से परहेज करें- साफ या उबला पानी खूब पिएं, दिन में कम से कम 8-10 गिलास- बुखार होने पर नापते रहें और चार्ट बनाएं- बुखार होने डॉक्टर को जरूर दिखाए- बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दर्द की या अन्य दवा न लें- भरपूर नींद लें, वॉक और योग करें