नई दिल्ली / मिराज विमानों से बालाकोट में एयरस्ट्राइक करने वाले 5 पायलट होंगे वायुसेना मेडल से सम्मानित

26 फरवरी को पाकिस्तान में स्थित जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकाने पर मिराज विमानों से बम गिराने वाले 5 भारतीय पायलटों को वायुसेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा। विंग कमांडर अमित रंजन, स्क्वाड्रन लीडर राहुल बसोया, पंकज भुजाडे, बीकेएन रेड्डी और शशांक सिंह को को गुरुवार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वायुसेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा। 26 फरवरी के दिन बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकाने पर बम गिराए थे।

India TV : Aug 14, 2019, 01:27 PM
नई दिल्ली। 26 फरवरी को पाकिस्तान में स्थित जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकाने पर मिराज विमानों से बम गिराने वाले 5 भारतीय पायलटों को वायुसेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा। विंग कमांडर अमित रंजन, स्क्वाड्रन लीडर राहुल बसोया, पंकज भुजाडे, बीकेएन रेड्डी और शशांक सिंह को वायुसेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा। वायुसेना के इन सभी पायलटों ने 26 फरवरी के दिन बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकाने पर बम गिराए थे। ये सभी अधिकारी मिराज 2000 विमान उड़ा रहे थे। इन सभी पायलटों को गुरुवार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वायुसेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा।

इनके अलावा भारतीय वायुसेना के बहादुर सिपाही विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को उनकी बहादुरी के लिए 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के तीसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार वीर चक्र से सम्मानित किया जाएगा। विंग कमांडर अभिनंदन के अलावा वायुसेना की स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल को भी 27 फरवरी के दिन उनकी बहादुरी के लिए युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया जाएगा। 27 फरवरी के दिन पाकिस्तान भारत पर हमला करने के लिए अपने विमान लेकर भारतीय सीमा के नजदीक पहुंच गया था लेकिन भारतीय वायुसेना के बहादुर पायलटों ने उनको भारतीय सीमा से बाहर खदेड़ दिया। उस दिन स्क्वाड्रल लीडर मिंटी अग्रवाल ने फाइटर कंट्रोलर की भूमिका निभाई थी।

विंग कमांडर अभिनंदन ने 27 फरवरी को मिग-21 बिसन से पाकिस्तान के एफ-16 विमानों का पीछा करने के बाद एक विमान मार गिराया था। बाद में उनका विमान एक मिसाइल का निशाना बन गया जिसके नष्ट होने से पहले ही वे विमान से निकल गए थे और उसके बाद पाकिस्तानी क्षेत्र में फंस गए थे।

पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अभिनंदन को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन लगभग 60 घंटों के बाद ही उन्हें वाघा सीमा पर भारत को वापस कर दिया था। वीर चक्र भारत में युद्ध के समय दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च सम्मान है।