Indian Air Force / वायुसेना का बड़ा फैसला, भारत में सभी सामान बनाने की तैयारी, जानें कब तक पूरा होगा काम

भारतीय वायुसेना ने 2047 तक सभी जरूरतों का उत्पादन भारत में ही करने का फैसला लिया है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने स्वदेशी हथियार प्रणालियों की आवश्यकता पर जोर दिया। चीन की गतिविधियों और एस-400 मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति पर भी उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।

Vikrant Shekhawat : Oct 04, 2024, 08:53 PM
Indian Air Force: दुनिया में उथल-पुथल और भू-राजनीतिक तनावों के बीच भारत अपनी सुरक्षा और भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अहम फैसले ले रहा है। भारतीय वायुसेना ने भी एक बड़ा कदम उठाते हुए 2047 तक अपने सभी रक्षा उपकरणों का उत्पादन भारत में ही करने का लक्ष्य तय किया है।

स्वदेशी उत्पादन की दिशा में बड़ा कदम

भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि वायुसेना स्वदेशी हथियार प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए यह आवश्यक है कि भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए स्वदेशी हथियार प्रणालियाँ विकसित हों। 2047 तक वायुसेना अपने सभी उपकरणों का उत्पादन भारत में ही करने की योजना पर काम कर रही है।

चीन पर नजर

वायुसेना प्रमुख ने चीन के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तेजी से बुनियादी ढांचे के निर्माण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि खासकर लद्दाख क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर भारतीय वायुसेना की करीबी नजर है।

एस-400 मिसाइल सिस्टम पर अपडेट

भारतीय वायुसेना प्रमुख ने यह भी बताया कि रूस ने अब तक एस-400 मिसाइल सिस्टम की तीन यूनिट भारत को सौंप दी हैं और अगले साल तक बाकी दो यूनिटों की आपूर्ति का वादा किया है।

आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा प्रयास

यह फैसला भारतीय वायुसेना की आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है। देश में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देकर, भारत न केवल अपने राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत कर रहा है, बल्कि विदेशी आयात पर अपनी निर्भरता भी कम कर रहा है।

वायुसेना का यह निर्णय मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारत की भविष्य की सुरक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।