Viral News / 50 सालों में 70 प्रतिशत शार्क मछलियां खत्म, मंडराया विलुप्त होने का खतरा

बढ़ती जनसंख्या और पूंजीवाद के कारण, न केवल पृथ्वी पर स्थिति खराब हो गई है, बल्कि समुद्री दुनिया के बारे में चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि समुद्र में बहुत अधिक मछलियां पकड़े जाने के कारण शार्क मछलियां हमेशा के लिए खत्म हो सकती हैं। इस शोध के अनुसार पिछले 50 वर्षों में शार्क मछलियों की 70 प्रतिशत मौत हो चुकी है।

Vikrant Shekhawat : Jan 29, 2021, 08:44 AM
USA: बढ़ती जनसंख्या और पूंजीवाद के कारण, न केवल पृथ्वी पर स्थिति खराब हो गई है, बल्कि समुद्री दुनिया के बारे में चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि समुद्र में बहुत अधिक मछलियां पकड़े जाने के कारण शार्क मछलियां हमेशा के लिए खत्म हो सकती हैं। इस शोध के अनुसार पिछले 50 वर्षों में शार्क मछलियों की 70 प्रतिशत मौत हो चुकी है।

वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि 1970 के बाद से शार्क और रे मछली की आबादी में 71 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस अध्ययन के अनुसार, शार्क और रे मछली की 31 प्रजातियों में से 24 अब खतरे में पड़ी प्रजातियों की सूची में आ गई हैं। इसके अलावा, ओशनिक व्हिटेटिप और ग्रेट हैमरहेड शार्क भी विलुप्त होने के खतरे में हैं। हिंद महासागर में शार्क मछलियों की स्थिति 1970 से बदतर हो गई है और 84.7 प्रतिशत शार्क मछली की आबादी में गिरावट आई है।

वैज्ञानिकों ने कई दशकों से जाना है कि शार्क प्रजातियों में उल्लेखनीय कमी देखी जा रही है, लेकिन पिछले 50 वर्षों में वैश्विक स्तर पर शार्क मछली के लिए बेहद भयावह रहा है। कनाडा के साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय और ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि वर्ष 1970 के बाद से मछली पकड़ने का दबाव 18 गुना बढ़ गया है, जिससे समुद्र का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हुआ है और कई जीव-जंतु काफी हद तक विलुप्त हो चुके हैं। हो रहे हैं

वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि शार्क और रे मछलियों को बचाने के लिए त्वरित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। समुद्री मामलों के विशेषज्ञ डॉ। रिचर्ड शर्ली ने कहा कि अगर अब कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है। रिचर्ड ने यह भी कहा कि इस मामले में लोगों के साथ-साथ सरकारों पर भी दबाव बनाने की जरूरत है। वही मरीन बायोलॉजिस्ट स्टुअर्ट सैंडिन इस मामले में कहते हैं कि जब भी समुद्र के वातावरण में चीजें असामान्य होती हैं, तो यह पहले शार्क को पता होता है। इस विशेषता के कारण शार्क भी अपना शिकार ढूंढती हैं, लेकिन इस वजह से कई बार शार्क को बेवजह इंसानों का शिकार भी करना पड़ता है।

इस मामले के बारे में बात करते हुए, ड्यूक यूनिवर्सिटी इकोलॉजिस्ट ड्यूक ने कहा कि जब आप शार्क जैसे शीर्ष समुद्री शिकारियों को खत्म करते हैं, तो समुद्री भोजन चक्र पूरी तरह से हिल सकता है और यह कई चीजों को प्रभावित कर सकता है। शार्क समुद्री शेर या बाघ की तरह हैं और वे पूरे इको-सिस्टम को संतुलित करने में मदद करते हैं।