AMAR UJALA : Nov 26, 2019, 07:23 AM
नई दिल्ली | संसद मंगलवार को संविधान दिवस के रंग में रंगने जा रही है। संविधान दिवस की 70वीं वर्षगांठ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला साथ मिलकर मनाएंगे। इस मौके पर राष्ट्रपति संसद के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।राष्ट्रपति इस मौके पर न सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संविधान के गौरवशाली क्षणों को दर्शाती डिजिटल प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे बल्कि राज्यसभा के 250वें सत्र के उपलक्ष्य में ढाई सौ रुपये का चांदी का सिक्का और पांच रुपये के मूल वाला डाक टिकट भी जारी करेंगे। संविधान दिवस के चलते मंगलवार को राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे की बजाय दोपहर दो बजे से रखी गई है। बता दें कि 26 नवंबर 1949 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने संविधान को भारतीय संविधान सभा के समक्ष रखा था। तब से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किए और दो दिन बाद 26 जनवरी को इसे लागू कर दिया गया।कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दल दूर रहेंगेकांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दल मंगलवार को संविधान दिवस पर होने वाले संयुक्त सत्र से दूर रहने की योजना बना रहे हैं। इसमें एनसीपी, टीएमसी, टीडीपी, राजद डीएमके और वाम दल कांग्रेस का साथ देंगे। सभी विपक्षी दल मंगलवार को सुबह इसकी रणनीति बनाने के लिए बैठक करेंगे। वहीं शिवसेना भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो सकती है। शिवसेना नेता अनिल देसाई, अरविंद सावंत और अन्य ने सोमवार को इस सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और विरोध में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। ये सभी पार्टियां इस मौके पर संसद प्रांगण में अंबेडकर प्रतिमा के बाहर महाराष्ट्र सरकार गठन के मुद्दे पर संयुक्त विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।