AajTak : Sep 03, 2020, 09:46 AM
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने JEE-NEET की परीक्षा कराए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए कराई जा रही प्रवेश परीक्षाओं में प्रदेश के 75 प्रतिशत अभ्यर्थी भाग नहीं ले पा रहे हैं। ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को घेरते हुए दावा किया कि मंगलवार को हुई JEE की परीक्षा में पश्चिम बंगाल के मात्र 25 प्रतिशत अभ्यर्थी ही भाग ले सके और इसके लिए केंद्र सरकार का 'अहंकार' जिम्मेदार है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''छात्र बहुत मुश्किल में हैं। उनमें से कई JEE की परीक्षा नहीं दे सके। इसलिए हमने केंद्र से आग्रह किया था कि सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाए या मामले की फिर से समीक्षा हो ताकि छात्र इससे वंचित नहीं रहें। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने छात्रों के लिए सभी इंतजाम किए थे लेकिन मंगलवार को सिर्फ 1,167 बच्चों ने परीक्षा दी जबकि कुल 4,652 अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में शामिल होना था।"ममता बनर्जी ने कहा, "इसका मतलब है कि पश्चिम बंगाल में सिर्फ 25 प्रतिशत छात्र ही परीक्षा दे पाए जबकि 75 फीसदी इम्तिहान नहीं दे सके। हमने (केंद्र सरकार के निर्देश के) मुताबिक इंतजाम किए थे।"तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, "अगर परीक्षा को कुछ और दिनों के लिए टाल दी जाती तो क्या गलत हो जाता? इतना अंहकार क्यों है? आप (केंद्र सरकार) इतने जिद्दी क्यों हैं? आपको छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने का अधिकार किसने दिया?"बता दें, JEE-NEET परीक्षा का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। लेकिन कोर्ट ने परीक्षाएं कराए जाने की अनुमति दी थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने इसे आगे ले जाने का फैसला किया था। हालांकि देशभर से छात्रों के एक वर्ग में इसका विरोध भी देखने को मिला है। जिसके बाद कई राजनीतिक पार्टियों ने भी इसका विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर परीक्षाएं टालने का अनुरोध किया था। ममता बनर्जी ने केंद्र से उन लोगों के बारे में पुनर्विचार करने की गुजारिश की जो परीक्षा नहीं दे सके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''छात्र बहुत मुश्किल में हैं। उनमें से कई JEE की परीक्षा नहीं दे सके। इसलिए हमने केंद्र से आग्रह किया था कि सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाए या मामले की फिर से समीक्षा हो ताकि छात्र इससे वंचित नहीं रहें। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने छात्रों के लिए सभी इंतजाम किए थे लेकिन मंगलवार को सिर्फ 1,167 बच्चों ने परीक्षा दी जबकि कुल 4,652 अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में शामिल होना था।"ममता बनर्जी ने कहा, "इसका मतलब है कि पश्चिम बंगाल में सिर्फ 25 प्रतिशत छात्र ही परीक्षा दे पाए जबकि 75 फीसदी इम्तिहान नहीं दे सके। हमने (केंद्र सरकार के निर्देश के) मुताबिक इंतजाम किए थे।"तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, "अगर परीक्षा को कुछ और दिनों के लिए टाल दी जाती तो क्या गलत हो जाता? इतना अंहकार क्यों है? आप (केंद्र सरकार) इतने जिद्दी क्यों हैं? आपको छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने का अधिकार किसने दिया?"बता दें, JEE-NEET परीक्षा का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। लेकिन कोर्ट ने परीक्षाएं कराए जाने की अनुमति दी थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने इसे आगे ले जाने का फैसला किया था। हालांकि देशभर से छात्रों के एक वर्ग में इसका विरोध भी देखने को मिला है। जिसके बाद कई राजनीतिक पार्टियों ने भी इसका विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर परीक्षाएं टालने का अनुरोध किया था। ममता बनर्जी ने केंद्र से उन लोगों के बारे में पुनर्विचार करने की गुजारिश की जो परीक्षा नहीं दे सके हैं।