लखीमपुर खीरी हिंसा / 'रेल रोको' से बिजली न हो जाए गुल, कोयला लेकर जा रहीं ट्रेनें भी फंसी

अधिकारी ने बताया कि उत्तर रेलवे मंडल पर जिन ट्रेनों पर प्रदर्शन का असर पड़ा, उनमें चंडीगढ़-फिरोजपुर एक्सप्रेस शामिल है। लुधियाना से इसे सुबह सात बजे गंतव्य के लिए रवाना होना था लेकिन फिरोजपुर-लुधियाना प्रखंड में अवरोध के कारण यह वहां फंसी रही। नयी दिल्ली-अमृतसर शताब्दी एक्सप्रेस शम्बू स्टेशन के पास रोक दी गयी क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने साहनेवाल और राजपुरा के समीप रेल की पटरियां अवरुद्ध कर दी थीं।

Vikrant Shekhawat : Oct 18, 2021, 09:04 PM
लखीमपुर खीरी हिंसा पर संयुक्त किसान मोर्चा के सोमवार को छह घंटे के 'रेल रोको' प्रदर्शन से उत्तर रेलवे मंडल में 150 जगहों पर असर पड़ा और करीब 293 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। कुल 150 मालगाड़ियों पर 'रेल रोको' का असर हुआ, जिनमें से 75 ट्रेनें बिजली प्लांटों के लिए कोयला लेकर जा रही थीं। राजस्थान और हरियाणा में कुछ प्रखंडों में रेल यातायात बाधित रहा, 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, 10 को आंशिक रूप से रद्द किया गया और एक ट्रेन का रूट डाइवर्ट किया गया। 

अधिकारी ने बताया कि उत्तर रेलवे मंडल पर जिन ट्रेनों पर प्रदर्शन का असर पड़ा, उनमें चंडीगढ़-फिरोजपुर एक्सप्रेस शामिल है। लुधियाना से इसे सुबह सात बजे गंतव्य के लिए रवाना होना था लेकिन फिरोजपुर-लुधियाना प्रखंड में अवरोध के कारण यह वहां फंसी रही। नयी दिल्ली-अमृतसर शताब्दी एक्सप्रेस शम्बू स्टेशन के पास रोक दी गयी क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने साहनेवाल और राजपुरा के समीप रेल की पटरियां अवरुद्ध कर दी थीं। 

उत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने कहा, 'अभी तक उत्तर रेलवे मंडल में 150 स्थानों पर प्रदर्शन का असर पड़ा है और 60 ट्रेनों का संचालन बाधित है। करीब 25 यात्री और कम दूरी की ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।' राजस्थान में किसानों ने हुनमानगढ़ जिले में रेल की पटरियों और जयपुर जंक्शन स्टेशन के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन किया तथा केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकारों के खिलाफ नारे लगाए।

एनडब्ल्यूआर के एक प्रवक्ता ने बताया कि भिवानी-रेवाड़ी, सिरसा-रेवाड़ी, लोहारू-हिसार, सूरतगढ़-बठिंडा, सिरसा-बठिंडा, हनुमानगढ़-बठिंडा, रोहतक-भिवानी, रेवाड़ी-सादुलपुर, हिसार-बठिंडा, हनुमानगढ़-सादुलपुर और श्रीगंगानगर-रेवाड़ी प्रखंडों पर रेल यातायात प्रदर्शन के कारण बाधित रहा। उन्होंने बताया कि फिरोजपुर-हनुमानगढ़ स्पेशल ट्रेन, लुधियाना-हिसार स्पेशल ट्रेन, बठिंडा-श्रीगंगानगर स्पेशल ट्रेन, बठिंडा-लालगढ़ स्पेशल ट्रेन, फुलेरा-रेवाड़ी स्पेशल ट्रेन, रेवाड़ी-जोधपुर स्पेशल ट्रेन, रतनगढ़-चुरू स्पेशल ट्रेन और चुरू-बीकानेर स्पेशल ट्रेन समेत 18 ट्रेनों को सोमवार को रद्द कर दिया गया। प्रदर्शन के कारण 10 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया। 

एनडब्ल्यूआर के प्रवक्ता ने बताया कि अहमदाबाद-श्री माता वैष्णो देवी कटरा विशेष ट्रेन का मार्ग भी परिवर्तित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद से शनिवार को रवाना हुई ट्रेन रेवाड़ी-दिल्ली-पठानकोट होते हुए अलग मार्ग से श्री माता वैष्णो देवी कटरा जाएगी। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में कहा था, ''लखीमपुर खीरी मामले में जब तक न्याय नहीं मिल जाता, तब तक प्रदर्शन तेज किए जाएंगे।'' 

एसकेएम ने बताया था कि लखीमपुर खीरी हिंसा के संबंध में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त और गिरफ्तार करने की मांग को लेकर 'रेल रोको' प्रदर्शन के दौरान सोमवार को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक ट्रेन यातायात रोका जाएगा। लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए आठ लोगों में से चार किसान थे जिन्हें कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं को ले जा रहे वाहन ने कुचल दिया था। किसानों ने दावा किया कि एक वाहन में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का पुत्र आशीष मिश्रा था। आशीष मिश्रा को इस मामले में नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। भाषा गोला नरेश नरेश

यूपी में प्रदर्शन का कोई खास असर नहीं

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केन्द्रीय मंत्री को पद से हटाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के सोमवार को रेल रोको प्रदर्शन का प्रदेश में कोई खास असर नहीं हुआ और इक्का दुक्का घटनाओं को छोड़कर लगभग शांति ही रही । रेलवे अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में कुछ जगह पांच से दस मिनट तक किसानों ने प्रदर्शन किया और ट्रेन रोकने का प्रयास किया लेकिन रेलवे पुलिस की गश्त के कारण वह सफल नहीं हुए । राजधानी लखनऊ के दो रेलवे स्टेशनों पर जा रहे किसानों को पुलिस ने बाहर ही रोक लिया, कानपुर में पूरी तरह शांति रही,वहीं किसानों के साथ हुई हिंसा के स्थल लखीमपुर में भी पूरी तरह शांति रही, क्योंकि वहां किसानों ने यह आंदोलन वापस ले लिया था ।