Vikrant Shekhawat : Jun 13, 2021, 04:57 PM
पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में शुक्रवार को ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीज का सफलतापूर्वक ऑपरेशन संपन्न हुआ। इस दौरान मरीज के सिर से एक क्रिकेट बॉल के आकार का ब्लैक फंगस निकाला गया। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने आजतक को बताया कि जमुई निवासी 60 वर्षीय अनिल कुमार हाल में ही कोविड-19 संक्रमण से ठीक हुए मगर उसके बाद उन्हें लगातार चक्कर आने की शिकायत आ रही थी।
इसके बाद अनिल कुमार को पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में रेफर किया गया, जहां पर जांच के दौरान उनके सर में ब्लैक फंगस पाया गया। डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि अनिल कुमार की नाक के जरिए ब्लैक फंगस उनके दिमाग तक पहुंच गया था। हालांकि, खुशकिस्मती यह रही कि यह ब्लैक फंगस से अनिल कुमार की आंखों तक नहीं पहुंच पाया।शुक्रवार को डॉ बृजेश कुमार के नेतृत्व में डॉक्टरों ने अनिल कुमार का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया और उनके दिमाग से क्रिकेट के आकार के बराबर का ब्लैक फंगस निकाला। मिली जानकारी के अनुसार अनिल कुमार की हालत अब स्थिर है।आजतक से बात करते हुए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर मनीष मंडल ने कहा “इस तरह ब्लैक फंगस की बीमारी अभी तक मस्तिष्क में नहीं देखी गई थी। ऐसा पहली बार हुआ है जब इस प्रकार का मरीज संस्थान आया है। अनिल कुमार की आंखें इस ऑपरेशन में बच गई हैं। क्योंकि फंगस आंखों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाया था''।वहीं अनिल कुमार का सफलतापूर्वक ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर बृजेश कुमार ने कहा “ऑपरेशन काफी जटिल था। ब्लैक फंगस नाक और साइनस के बाद आंखों को थोड़ा छूते हुए मस्तिष्क तक पहुंच गया था और मस्तिष्क में तेजी से फैल रहा था। फंगस क्रिकेट बॉल के आकार से भी बड़ा था, मगर 3 घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों की टीम ने ब्लैक फंगस को मस्तिष्क से निकालने में सफलता हासिल की”।
इसके बाद अनिल कुमार को पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में रेफर किया गया, जहां पर जांच के दौरान उनके सर में ब्लैक फंगस पाया गया। डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि अनिल कुमार की नाक के जरिए ब्लैक फंगस उनके दिमाग तक पहुंच गया था। हालांकि, खुशकिस्मती यह रही कि यह ब्लैक फंगस से अनिल कुमार की आंखों तक नहीं पहुंच पाया।शुक्रवार को डॉ बृजेश कुमार के नेतृत्व में डॉक्टरों ने अनिल कुमार का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया और उनके दिमाग से क्रिकेट के आकार के बराबर का ब्लैक फंगस निकाला। मिली जानकारी के अनुसार अनिल कुमार की हालत अब स्थिर है।आजतक से बात करते हुए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर मनीष मंडल ने कहा “इस तरह ब्लैक फंगस की बीमारी अभी तक मस्तिष्क में नहीं देखी गई थी। ऐसा पहली बार हुआ है जब इस प्रकार का मरीज संस्थान आया है। अनिल कुमार की आंखें इस ऑपरेशन में बच गई हैं। क्योंकि फंगस आंखों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाया था''।वहीं अनिल कुमार का सफलतापूर्वक ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर बृजेश कुमार ने कहा “ऑपरेशन काफी जटिल था। ब्लैक फंगस नाक और साइनस के बाद आंखों को थोड़ा छूते हुए मस्तिष्क तक पहुंच गया था और मस्तिष्क में तेजी से फैल रहा था। फंगस क्रिकेट बॉल के आकार से भी बड़ा था, मगर 3 घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों की टीम ने ब्लैक फंगस को मस्तिष्क से निकालने में सफलता हासिल की”।