बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला / ABG शिपयार्ड ने किया 22842 हजार करोड़ रुपये का फ्रॉड, कांग्रेस बोली- मोदी मॉडल, लूटो और भगाओ!

देश में बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। यह घोटाला जहाज निर्माण कंपनी ABG शिपयार्ड द्वारा की गई है। सीबीआई ने एसबीआई की शिकायत पर एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, उसके चेयरमैन व प्रबंध निदेशक ऋषि अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। कंपनी व उसके निदेशकों पर एसबीआई के नेतृत्व वाले 28 बैंकों के समूह से 22,842 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का आरोप है।

Vikrant Shekhawat : Feb 13, 2022, 03:22 PM
देश में बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। यह घोटाला जहाज निर्माण कंपनी ABG शिपयार्ड द्वारा की गई है। सीबीआई ने एसबीआई की शिकायत पर एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, उसके चेयरमैन व प्रबंध निदेशक ऋषि अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। कंपनी व उसके निदेशकों पर एसबीआई के नेतृत्व वाले 28 बैंकों के समूह से 22,842 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का आरोप है। गुजरात के दाहेज और सूरत में एबीजी समूह की यह शिपयार्ड कंपनी पानी के जहाज बनाने और उनकी मरम्मत का काम करती है। अब तक यह कंपनी 165 जहाज बना चुकी है। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि एबीजी पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ को कथित रूप से धोखा देने का आरोप है। इस घोटाले को देश में बैंकिंग इतिहास तक का सबसे बड़ा घोटाला इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह नीरव मोदी से भी बड़ा घोटाला है।

मोदी मॉडल- लूटो और भगाओ: कांग्रेस

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मोदी मॉडल- लूटो और भगाओ! तीन तथ्य देश के सामने हैं। मोदी सरकार के 7 साल में ₹5,35,0000 करोड़ के बैंक फ्रॉड हुए। ₹8,17,000 करोड़ देश की जनता के बैंकों ने बट्टे खाते में डुबाये। ₹21,00,000 करोड़ बैंकों के NPA में इजाफा हुआ। लूटो भगाओ बैंक लूटवाओ।

आठ नवंबर 2019 को सबसे पहले शिकायत दर्ज की गई थी

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 8 नवंबर, 2019 को पहली बार शिकायत दर्ज कराई थी। इसपर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कंपनी से जवाब मांगा था। इसके लगभग पांच महीने बाद कंपनी ने नए सिरे से शिकायत दर्ज कराई थी। 18 महीने की जांच के बाद सीबीआई ने सात फरवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी।

घोटाले के पैसे से विदेशों में खरीदी गई प्रॉपर्टी

सीबीआई की एफआईआर के अनुसार घोटाला करने वाली दो प्रमुख कंपनियों के नाम एबीजी शिपयार्ड और एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड हैं। दोनों कंपनियां एक ही समूह की हैं। कंपनियों पर आरोप है कि घोटाले किए गए पैसे को विदेश में भेजकर अरबों रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी गईं। 18 जनवरी 2019 को अर्नस्ट एंड यंग एलपी द्वारा दाखिल अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक की फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट की जांच में सामने आया है कि कंपनी ने गैरकानूनी गतिविधियों के जरिये बैंक से कर्ज में हेरफेर किया और रकम ठिकाने लगा दी।

किस बैंक का कितना बकाया

स्टेट बैंक आफ इंडिया- 2,468.51 करोड़ रुपये

आईसीआईसीआई-     7,089 करोड़ रुपये

आईडीबीआई-            3,634 करोड़ रुपये

बैंक ऑफ बड़ौदा-       1,614 करोड़ रुपये

    पीएनबी-                   1244 करोड़ रुपये

   आईओबी-               1,228 करोड़ रुपये

इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

सीबीआई ने एफआईआर में तत्कालीन कार्यकारी निदेशक शंथनम मुथुस्वामी, निदेशक अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के नाम भी शामिल किये हैं। इन पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात और पद के दुरुपयोग की धारा में मामला दर्ज किया है।

जानिए इस कंपनी के बारे में

ABG शिपयार्ड भारत में सबसे बड़ी निजी जहाज निर्माण कंपनियों में से एक है जिसमें 20 टन वजन तक के जहाजों का निर्माण करने की क्षमता है। एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड विविध व्यावसायिक हितों वाली कंपनियों के एबीजी समूह का एक हिस्सा है। 1985 में स्थापित, इसका मुख्यालय मुंबई में है। गुजरात में सूरत और दहेज में इसका जहाज निर्माण कार्य है। अक्टूबर 2010 में वेस्टर्न इंडिया शिपयार्ड लिमिटेड के अधिग्रहण के बाद, यह गोवा में एक जहाज मरम्मत इकाई संचालित करता है जो भारत में सबसे बड़ी जहाज रखरखाव सुविधा है।