दावा / दिल्ली हिंसा में बंगाली बोलने वाली करीब 300 महिलाओं का किया गया इस्तेमाल

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दिल्ली हिंसा की साजिश की जांच कर रहे उमर खालिद और शारजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दायर चार्जशीट में कई चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली की हिंसा में लगभग 300 बंगाली भाषी महिलाओं का इस्तेमाल किया गया था। इतना ही नहीं, इन महिलाओं को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके से जफराबाद एंटी-सीएए प्रदर्शन स्थल पर बुलाया गया था।

Vikrant Shekhawat : Nov 24, 2020, 06:46 AM
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दिल्ली हिंसा की साजिश की जांच कर रहे उमर खालिद और शारजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दायर चार्जशीट में कई चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली की हिंसा में लगभग 300 बंगाली भाषी महिलाओं का इस्तेमाल किया गया था। इतना ही नहीं, इन महिलाओं को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके से जफराबाद एंटी-सीएए प्रदर्शन स्थल पर बुलाया गया था।

इन महिलाओं को 7 बसों में जाफराबाद लाया गया था। चार्जशीट के अनुसार, 23 फरवरी को, उन्हें पहले शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल के लिए बसों में ले जाया गया, जहाँ इन महिलाओं को खाना खिलाया गया और फिर ज़फ़राबाद प्रदर्शन स्थल पर लाया गया। चार्जशीट में कहा गया है कि इनमें से ज्यादातर महिलाएँ बुर्के में थीं और विरोध प्रदर्शन के दौरान पथराव में भी शामिल थीं।

उमर खालिद ने योजना बनाई थी

इन बंगाली भाषी महिलाओं को बस किराया भी दिया गया। चार्जशीट में कहा गया है कि इस पूरी योजना की योजना उमर खालिद ने बनाई थी। स्पेशल सेल का दावा है कि उमर खालिद दिल्ली हिंसा में एक प्रमुख मास्टरमाइंड के रूप में काम कर रहा था।

बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार को जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और शारजील इमाम के खिलाफ फरवरी में दिल्ली में हिंसा करने की साजिश रचने के आरोप में चार्जशीट दायर की थी। दिल्ली पुलिस द्वारा कड़कड़डूमा कोर्ट में 930 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है। 930 पन्नों की चार्जशीट में 197 पेज हैं, जबकि 733 पेज में दस्तावेज हैं।