Reserve Bank Of India / RBI गवर्नर करने वाले हैं ये काम- 10 और 500 के नोट को लेकर आया बड़ा अपडेट

देश के नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के कार्यभार संभालने के बाद लगातार अहम फैसले लिए जा रहे हैं। अब आरबीआई जल्द ही महात्मा गांधी (नई) सीरीज के 10 और 500 रुपए के नए नोट जारी करेगा, जिन पर मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे। पुराने नोट भी मान्य रहेंगे।

Reserve Bank Of India: देश के नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के कार्यभार संभालने के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। महंगाई दर में कमी और ब्याज दरों में कटौती के फैसलों के बाद अब 10 और 500 रुपये के नोटों को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है।

नए नोटों की घोषणा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में घोषणा की है कि महात्मा गांधी (नई) सीरीज के तहत 10 और 500 रुपये के नए नोट जारी किए जाएंगे। इन नए नोटों पर गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे। हालांकि, आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि पहले से प्रचलित 10 और 500 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे।

इससे पहले, आरबीआई ने 100 और 200 रुपये के नए नोट जारी करने की भी घोषणा की थी। यह कदम मौद्रिक स्थिरता बनाए रखने और बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुचारु बनाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

रेपो रेट में संभावित कटौती

आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक 7 अप्रैल से शुरू हो रही है, और 9 अप्रैल को गवर्नर संजय मल्होत्रा पॉलिसी रेट का ऐलान करेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बैठक में रेपो रेट में 0.25% की कटौती संभव है। यदि ऐसा होता है, तो यह लगातार दूसरी बार होगा जब रेपो दरों में कमी की जाएगी। इससे रेपो रेट घटकर 6% हो जाएगी, जिससे कर्ज लेने की लागत कम होगी और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

फरवरी में भी आरबीआई ने 0.25% की कटौती की थी, जिससे होम लोन, ऑटो लोन और अन्य ऋणों की ब्याज दरों में कमी आई थी। इससे आम जनता को राहत मिलने के साथ-साथ बाजार में तरलता बढ़ेगी और निवेश में तेजी आएगी।

आम जनता पर प्रभाव

  1. बैंकिंग क्षेत्र में सुधार - नए नोटों की उपलब्धता से नकदी प्रवाह सुगम होगा और बैंकिंग प्रणाली को मजबूती मिलेगी।

  2. लोन सस्ता होने की संभावना - रेपो रेट में संभावित कटौती से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई कम हो सकती है।

  3. महंगाई दर पर नियंत्रण - आरबीआई के हालिया नीतिगत फैसलों से महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिली है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

  4. निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा - कम ब्याज दरों के कारण निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उद्योग और व्यापार क्षेत्र को लाभ होगा।