Reserve Bank of India / कम हुई महंगाई ने दी और सस्ते लोन की उम्मीद, अप्रैल में फिर RBI घटा सकता है ब्याज दर

फरवरी 2025 में खुदरा महंगाई सात महीने के निचले स्तर 3.61% पर आ गई, जिससे आरबीआई की आगामी मौद्रिक नीति बैठक में दर कटौती की संभावना बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अप्रैल में रेपो रेट में 0.25% की और कमी हो सकती है, जिससे लोन सस्ते होंगे।

Vikrant Shekhawat : Mar 13, 2025, 06:00 AM

Reserve Bank of India: फरवरी 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति सात महीने के निचले स्तर 3.61 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इस महत्वपूर्ण गिरावट से आगामी समय में लोन दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 9 अप्रैल को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा, जिसमें 0.25 प्रतिशत की अतिरिक्त कटौती की उम्मीद की जा रही है।

मुद्रास्फीति के गिरने के कारण

आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत (+/- 2 प्रतिशत) के दायरे में बनाए रखने का लक्ष्य दिया गया है। मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई कमी के कारण हुई है। इस संदर्भ में, आरबीआई ने पिछले महीने ही रेपो दर में 25 आधार अंकों की कमी की थी।

विशेषज्ञों की राय

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि सीपीआई मुद्रास्फीति में अपेक्षा से अधिक गिरावट आई है। यह आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के निर्धारित लक्ष्य से काफी नीचे है। हालांकि, उन्होंने यह भी चेताया कि मार्च 2025 में सब्जियों की कीमतों में वृद्धि खाद्य मुद्रास्फीति को संतुलित कर सकती है।

अप्रैल 2025 में दर कटौती की संभावना

अदिति नायर का मानना है कि मुद्रास्फीति के 4 प्रतिशत से नीचे आने से आरबीआई की अप्रैल 2025 की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बैठक में लगातार 25 आधार अंकों की कटौती की संभावना बढ़ गई है। इसके अलावा, जून 2025 या अगस्त 2025 में एक और 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद जताई जा रही है।

एनएसओ के आंकड़े

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुसार, फरवरी 2025 की मुद्रास्फीति जनवरी 2025 की तुलना में 65 आधार अंक कम रही। यह जुलाई 2024 के बाद सबसे कम दर्ज की गई मुद्रास्फीति है। एनएसओ यह डेटा 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से एकत्र करता है।

निष्कर्ष

मुद्रास्फीति में गिरावट से आरबीआई को दरों में कटौती करने की गुंजाइश मिल रही है, जिससे लोन सस्ते हो सकते हैं। अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो आने वाले महीनों में ब्याज दरों में और कटौती देखने को मिल सकती है।