Reserve Bank Of India / RBI ने लगाया PNB सहित इन 3 बैंकों पर जुर्माना, इतनी बड़ी है पेनल्टी

भारतीय रिजर्व बैंक ने नियामकीय उल्लंघनों पर कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और पीएनबी पर क्रमशः ₹61.4 लाख, ₹38.6 लाख और ₹29.6 लाख का जुर्माना लगाया। वहीं, यस बैंक को 2016-17 के लिए ₹244.20 करोड़ की कर मांग का नोटिस मिला है, जिसे बैंक ने निराधार बताया।

Reserve Bank Of India: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के लिए एक अहम कदम उठाया है। नियामकीय अनुपालन में खामियों को लेकर आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पर जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंकों द्वारा आरबीआई के विभिन्न दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के चलते लगाया गया है।

कोटक महिंद्रा बैंक पर 61.4 लाख का जुर्माना

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक ने "बैंक ऋण वितरण के लिए ऋण प्रणाली पर दिशानिर्देश" और "ऋण और अग्रिम – वैधानिक और अन्य प्रतिबंध" के अंतर्गत जारी नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं किया। इन खामियों के चलते बैंक पर 61.4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना बैंक की ऋण नीति और उसके कार्यान्वयन में हुई चूकों को रेखांकित करता है।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर केवाईसी उल्लंघन का असर

एक अन्य बयान में, आरबीआई ने जानकारी दी कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को ‘अपने ग्राहक को जानें’ (KYC) नियमों का पालन सही ढंग से नहीं करने के लिए 38.6 लाख रुपये का दंड भुगतना पड़ा। केवाईसी मानदंडों का उल्लंघन न केवल नियामकीय दृष्टिकोण से गंभीर है बल्कि इससे मनी लॉन्ड्रिंग जैसे जोखिम भी उत्पन्न हो सकते हैं।

पंजाब नेशनल बैंक पर ग्राहक सेवा में लापरवाही

पंजाब नेशनल बैंक को ‘बैंकों में ग्राहक सेवा’ से जुड़े आरबीआई के दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर 29.6 लाख रुपये का जुर्माना चुकाना पड़ा है। यह मामला ग्राहक हितों की अनदेखी और सेवा गुणवत्ता में कमी की ओर संकेत करता है।

आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि ये जुर्माने केवल नियामकीय खामियों के कारण लगाए गए हैं और इनका उद्देश्य बैंकों और ग्राहकों के बीच हुए लेन-देन की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।


यस बैंक को आयकर विभाग से बड़ा झटका

दूसरी ओर, यस बैंक को आयकर विभाग से 244.20 करोड़ रुपये का मांग नोटिस मिला है। यह नोटिस कर निर्धारण वर्ष 2016-17 के पुनर्मूल्यांकन के आधार पर जारी किया गया है। बैंक ने बताया कि आयकर विभाग ने उसकी रिटर्न में दर्शाई गई आय के बजाय पुनर्मूल्यांकन आय को आधार बनाते हुए यह मांग की है।

यस बैंक का कहना है कि यह मांग "बिना किसी ठोस आधार" के की गई है और वह इस आदेश के खिलाफ सुधार आवेदन दाखिल करेगा। साथ ही, वह अपील करने सहित सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करेगा।