Varanasi Serial Blast Case / वाराणसी सीरियल ब्लास्ट केस में 16 साल बाद इंसाफ, आतंकी वलीउल्लाह को हुई फांसी की सजा

वाराणसी में साल 2006 में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में 16 साल बाद गाजियाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोषी वलीउल्लाह को मौत की सजा सुनाई। इस मामले में आतंकी वलीउल्लाह उर्फ टुंडा को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है। वलीउल्लाह उर्फ टुंडा इस समय डासना जेल में बंद है। वलीउल्लाह के खिलाफ 6 मामले चल रहे थे, जिनमें से उन्हें दोषी पाया गया है।

Vikrant Shekhawat : Jun 06, 2022, 06:42 PM
Varanasi serial blast case: वाराणसी में साल 2006 में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में 16 साल बाद गाजियाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोषी वलीउल्लाह को मौत की सजा सुनाई। इस मामले में आतंकी वलीउल्लाह उर्फ टुंडा को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है। वलीउल्लाह उर्फ टुंडा इस समय डासना जेल में बंद है। वलीउल्लाह के खिलाफ 6 मामले चल रहे थे, जिनमें से उन्हें दोषी पाया गया है।

धमाकों के दोषी आतंकी वलीउल्लाह को एक मामले में मौत की सजा सुनाई गई है। दूसरे मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 4 जून को कोर्ट ने सीरियल ब्लास्ट मामले में आतंकी को दोषी करार दिया था, जिसकी सजा का ऐलान होना बाकी था।

16 साल बाद मिला न्याय

16 साल पहले 7 मार्च 2006 को वाराणसी के संकटमोचन मंदिर और कैंट स्टेशन पर धमाके हुए थे। सीरियल ब्लास्ट में 18 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं धमाकों में 100 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे। एक अन्य आरोपी को गोली मार दी गई। शनिवार को वलीउल्लाह को दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने सोमवार को वाराणसी सीरियल ब्लास्ट के दोषी वलीउल्लाह उर्फ टुंडा को मौत की सजा सुनाई।

67 गवाह पेश हुए, 302 में दी गई फांसी

दशमेध मंदिर जहां एक काले बैग में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। वहीं, अलग-अलग मामलों में 30 हजार 20 हजार तक का जुर्माना और आईपीसी 302 में मौत की सजा दी गई है। इसमें अन्य आरोपित पत्र इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा भेजा जा रहा है। संकट मोचन मामले में कुल 47 गवाह और 3 बचाव पक्ष के साक्ष्य पेश किए गए। दशमेध घाट मामले में 20 गवाह और 3 बचाव पक्ष के साक्ष्य पेश किए गए।

इन मामलों में सजा

वाराणसी सीरियल ब्लास्ट मामले में जिला जज जितेंद्र कुमार सिन्हा ने फैसला सुनाया है। आईपीसी 302, 324, 307, 326 आईपीसी 3/4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 15-16 दूसरे मुकदमे में 3/4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, इन धाराओं पर मुकदमा चलाया गया है।

जब वाराणसी के वकीलों ने ब्लास्ट केस लड़ने से इनकार कर दिया था। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मामले को गाजियाबाद सयाल कोर्ट में ट्रांसफर करना पड़ा। तभी से यह मामला जिला जज की अदालत में चल रहा था और शनिवार को आतंकी वलीउल्लाह को वाराणसी बम धमाकों का दोषी करार दिया गया।


कौन है आतंकी वलीउल्लाह?

वलीउल्लाह खान के कई आतंकवादी संगठनों से संबंध हैं और उसके खिलाफ 6 मामले दर्ज हैं। इस आतंकी को वाराणसी सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड माना जाता है। वलीउल्लाह खां प्रयागराज के फूलपुर के रहने वाले हैं। पुलिस ने आतंकवादी को 2006 में लखनऊ से विस्फोटों की जांच के दौरान गिरफ्तार किया था और पूछताछ के दौरान उसने विस्फोट के पीछे आईएसआई मॉड्यूल का खुलासा किया था।

18 लोगों की हुई थी मौत

वाराणसी के संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर 7 मार्च 2006 को सीरियल विस्फोट हुए। धमाकों में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए। उसी शाम दशाश्वमेध घाट पर विस्फोटक भी मिले। 5 अप्रैल 2006 को पुलिस ने लखनऊ के गोसाईंगंज क्षेत्र से इलाहाबाद के फूलपुर गांव निवासी वली उल्लाह को गिरफ्तार किया।