Vikrant Shekhawat : Sep 16, 2023, 12:00 PM
Indian Space Policy: चंद्रयान-3 की सफलता से भारत दुनिया को अपनी ताकत का अहसास करा चुका है, खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इससे प्रभावित हैं, G20 शिखर समिट के दौरान दिल्ली आगमन पर जो बाइडेन ने पीएम मोदी से मुलाकात में इसका जिक्र भी किया था और चंद्रयान-3 की सफलता पर बधाई भी दी थी. इसके अलावा जो बाइडेन ने भारत की स्पेस पॉलिसी 2023 को भी सराहा था.व्हाइट हाउस से जारी संयुक्त बयान में भारत की स्पेस पॉलिसी 2023 का स्वागत किया गया. इस बयान में नासा और इसरो के आपसी सहयोग बढ़ाने और भारत के एस्ट्रोनॉट को नासा द्वारा ट्रेनिंग लिए जाने के फैसले की भी सराहना की गई थी. इस संयुक्त बयान में व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में अमेरिका और भारतीय निजी क्षेत्रों के बीच वाणिज्यिक सहयोग बढ़ाया जाएगा.क्या है स्पेस पॉलिसी 2023भारत ने अंतरिक्ष के लिए एक निर्धारित योजना तैयार की है, इसका उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने और ISRO की ओर से किए जा रहे स्पेस रिसर्च को बढ़ाने और उन पर ध्यान केंद्रित करना है. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण, जन जागरुकता और वैज्ञानिक खोजों का एक रोडमैप भी तय किया गया है, स्पेस पॉलिसी को वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया गया है, जिसे मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति ने अनुमोदित किया है.क्या हैं इसके उद्देश्य
- नई पॉलिसी में अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भूमिका बढ़ाने पर बल दिया गया है. इसमें रॉकेट, लांच व्हीकल, डेटा संग्रह और उपग्रह तैयार करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा.
- अंतरिक्ष के क्षेत्र में जो निजी कंपनियां हैं वे बहुत ही कम शुल्क में ISRO की सुविधाओं का भी उपयोग कर सकेंगे.
- स्पेस पॉलिसी का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष उद्योग को बढ़ाना है, ऐसा अनुमान है कि 2030 तक भारत यह उद्योग 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच सकता है.
- भारत इस नीति पर काम करेगा, जिससे उसे धरती के डाटा और इमेज के लिए विदेशी स्रोतों पर निर्भर न रहना पड़े, अभी भारत की सुरक्षा एजेंसियां विदेशी स्रोतों से ही ये डाटा प्राप्त करती हैं, इससे भारत को खर्च भी अधिक करना होता है और दूसरे देश पर निर्भरता भी रहती है.
- अंतरिक्ष क्षेत्र आत्मनिर्भरता लाना भी पॉलिसी का एक उद्देश्य है, दरअसल भारतीय घरों में सिग्नल भेजने वाले ट्रांसपोंडर अभी भी विदेशी उपग्रहों से ही होस्ट किए जा रहे हैं.
- स्पेस पॉलिसी का उद्देश्य अंतरिक्ष उद्यमिता को बढ़ावा भी है, ताकि भारत के युवा अंतरिक्ष समेत अन्य प्राद्योगिकी के क्षेत्रों में खुद को साबित कर सकें.
- अंतरिक्ष क्षेत्र से रणनीतिक गतिविधियों का संचालन NSIL करेगा
- IN-SPACe एक ऐसे इंटरफेस की भूमिका निभाएगा जो ISRO और गैरसरकारी संगठनों के बीच सेतु होगा
- ISRO नई तकनीकों, प्रणालियों के साथ रिसर्च और विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा.
- पॉलिसी के मुताबिक ISRO के मिशन परिचालकों की जिम्मेदारी NSIL उठाएगा.