Covid-19 / Cipla और Hetero के बाद Mylan ने भारत में लॉन्च की कोविड-19 की दवा, 4,800 रुपये होगी कीमत

ड्रगमेकर Mylan NV ने सोमवार को कहा कि वो रेमडेसिवीर की जेनेरिक वर्जन लॉन्च करने की मंजूरी मिल गई है कोविड-19 के इलाज के लिए सबसे पहले गिलीड साइंसेज ने रेमडेसिवीर दवा को लॉन्च किया है Mylan NV ने कहा कि मंजूरी के बाद इस दवा को भारत में 100 mg की शीशी को 4,800 रुपये के दाम पर बेचेगी बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है

Vikrant Shekhawat : Jul 06, 2020, 06:46 PM

नई दिल्ली. ड्रगमेकर Mylan NV ने सोमवार को कहा कि वो रेमडेसिवीर (Remdesivir) की जेनेरिक वर्जन लॉन्च करने की मंजूरी मिल गई है. कोविड-19 के इलाज के लिए सबसे पहले गिलीड साइंसेज (Gilead Sciences) ने रेमडेसिवीर दवा को लॉन्च किया है. Mylan NV ने कहा कि मंजूरी के बाद इस दवा को भारत में 100 mg की शीशी को 4,800 रुपये के दाम पर बेचेगी. बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण (Corona virus cases in India) के मामले में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.


ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने Mylan NV के रेमडेसिवीर दवा को मंजूरी दी है. ड्रगमेकर ने इस दवा को ब्रांड नाम Desrem रखा है. कोविड-19 मरीजों के लिए इमरजेंसी की स्थिति में इस दवा का इस्तेमाल किया जाएगा. कंपनी ने एक बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी है.


दो अन्य कंपनियों ने पहले ही लॉन्च कर दी है दवा

इसके पहले दो भारतीय कंपनियों ने पहले ही इस दवा की जेनेरिक वर्ज़न को लॉन्च कर दिया है. Mylan अब तीसरी कंपनी बन गई है. Mylan के पहले सिप्ला लिमिटेड (Cipla Ltd.) और हेटेरो लैब्स लिमिटेड (Hetero Labs Ltd.) ने इस दवा को लॉन्च किया था. सिप्ला ने Cipremi नाम की इस दवा का दाम 5,000 रुपये और हेटेरो ने Covifor का दाम 5,400 रुपये रखा था.


भारत में ही रेमडेसिवीर का उत्पादन करेगी Mylan

Mylan NV ने कहा कि वो भारत स्थित अपने फैसिलिटीज में ही रेमडेसिवीर की दवा बनाएगी. कंपनी ने अपने बयान में कहा कि कोविड-19 संक्रमण से जूझ रहे उन मरीजों के लिए इस दवा को इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, जिनकी हालत गंभीर है. व्य स्कों और बच्चों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा.


गिलीड ने प्रति मरीज 2,340 डॉलर रखा है दाम

बता दें कि गिलीड ने अमीर देशों के लिए रेमडेसिवीर दवा की कीमत 2,340 डॉलर प्रति मरीज रखा है. कंपनी ने अगले तीन महीने अपनी कुल सप्लाई का करीब आधा हिस्सा अमेरिका भेजने की सहमति जताई है. इसके बाद दुनियाभर के अन्य देशों में इस दवा की उपलब्धता को लेकर चिंता बढ़ गई है.


यूरोप में भी मिल चुकी है रेमडेसिवीर को मंजूरी

गौरतलब है कि रेमडेसिवीर के क्लिनिकल ट्रायल (Clinical Trial of Remdesivir) में सामने आया था कि जब इस दवा को कोविड-19 मरीजों को इंट्रावेनस रूप में दिया जाता है तो वो जल्दी इस संक्रमण से रिकवर करते हैं. इसके बाद से ही दुनियाभर में रेमडेसिवीर की मांग बढ़ गई है. बीते शुक्रवार को ही इस दवा को यूरोपीय आयोग से भी सशर्त मंजूरी मिली है, जिसके बाद 27 यूरोपीय देशों मे इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा.


गिलीड साइंसेज ने भारत में इन कंपनियों के साथ करार किया है

भारत के लिए गिलीड साइंसेज ने डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड, जुबिलांट लाइफ साइंसेज लिमिटेड, साइनेज इंटरनेशनल लिमिटेड और लाइदस कैडिला के साथ नॉन-एक्सक्लूसिव करार किया है. इसके बाद ये कंपनियां भारत में रेमडेसिवीर का उत्पादन कर बेच सकेंगी.