Vikrant Shekhawat : Feb 14, 2022, 06:37 PM
अवैध आव्रजन एजेंटों के एक गिरोह द्वारा गुजरात के 15 लोगों के अपहरण का मामला सामने आया है। पीड़ितों ने खुलासा किया है कि इनमें से कुछ को बंदूक की नोक पर पकड़ लिया गया था और यहां तक कि पैसे वसूलने के लिए एक नाबालिग लड़की को उसकी मां से छीन लिया गया। मेहसाणा जिले के वसई-डभला गांव के रहने वाली शीतल पटेल, उनके पति और उनकी नाबालिग बेटी को दिल्ली में पुलिस ने बचाया और रविवार को इन्हें अहमदाबाद लाया गया।कोलकाता में बनाया बंधन अपनी आपबीती बताते हुए शीतल पटेल ने कहा कि हम पिछले साल 12 नवंबर को कोलकाता के लिए रवाना हुए क्योंकि एजेंटों ने हमें वहां से अमेरिका ले जाने का वादा किया था। लेकिन, कोलकाता में एजेंटों ने हमारा अपहरण कर लिया। वे मेरी बेटी को ले गए और मुझसे कहा कि उसे बचाने के लिए पैसे की व्यवस्था करें। गुजरात पहुंचने के बाद गांधीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए महिला ने कहा कि एजेंटों ने उन्हें तीन महीने तक अवैध रूप से हिरासत में रखा था।घर और खेत बेचकर दिए पैसे शीतल ने कहा, हालांकि हमने उन्हें अपना घर और खेत बेचकर पैसे दिए थे, लेकिन एजेंटों ने हमें अमेरिका नहीं भेजा। जब उन्हें पता चला कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, तो एजेंट हमें दिल्ली ले गए, जहां से हमें गुजरात पुलिस ने बचाया। गांधीनगर पुलिस ने रविवार को कहा कि पिछले कुछ महीनों में इन एजेंटों के एक गिरोह ने विदेश भेजने का झांसा देकर डेढ़ साल की बच्ची सहित 15 लोगों को अगवा कर बंधक बना लिया और प्रताड़ित किया। दिल्ली से छुड़ाकर गुजरात लाया गयासभी पीड़ितों को दिल्ली से छुड़ाकर गुजरात लाया गया। उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक ऐसे ही एक एजेंट को गिरफ्तार किया है। गांधीनगर के खरना गांव की एक अन्य पीड़िता निशा पटेल ने दावा किया कि उन्हें और उनके पति तेजस पटेल को करीब तीन महीने तक बंदूक की नोक पर प्रताड़ित किया गया। एजेंटों ने वादा किया था कि मैं और मेरे पति केवल दो सप्ताह में अमेरिका पहुंच जाएंगे। वे हमें पिछले साल दिसंबर में कोलकाता ले गए और हमसे कहा कि वे हमें पहले कनाडा ले जाएंगे। लेकिन, गुजरात में हमारे परिवार से जबरन वसूली के लिए उन्होंने हमारा अपहरण कर लिया और हमें एक कमरे में बंद कर दिया।