Live Hindustan : Mar 10, 2020, 09:35 AM
भोपाल: देश आज होली के जश्न में डूबा है वहीं, मध्य प्रदेश पर सियासी रंग चढ़ गया है। होली से ठीक पहले सोमवार को दिनभर चले सियासी घटनाक्रम ने रात होते-होते नया मोड़ ले लिया। देर रात बुलाई गई कैबिनेट बैठक के बाद इसमें मौजूद रहे कई मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना इस्तीफा सौंप दिया। सियासी उठापटक के बीच बीजेपी और कांग्रेस ने मंगलवार को विधायकों की अहम बैठक बुलाई है। एमपी में जारी सियासी संकट के बीच देर रात कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई वरिष्ठ नेता दस जनपथ पहुंचे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कमलनाथ को दोबारा कैबिनेट का गठन करने और जरूरत के मुताबिक मंत्रियों को चुनने की आजादी दी गई है। कमलनाथ से जुड़े नजदीकी सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरु गए विधायक पार्टी में वापस आ सकते हैं। कुछ विधायकों के फोन बंद:इससे पहले कमलनाथ सरकार के 15 से 20 बागी विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने की खबर आई थी। इनमें कई मंत्री भी शामिल हैं। सभी विधायकों के फोन बंद आ रहे हैं। इसकी खबर लगते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली से भोपाल लौट गए। उन्होंने तुरंत बैठक बुलाई। इसके बाद मंत्रियों ने उन्हें इस्तीफा सौंप दिया। भाजपा सक्रिय:कांग्रेस में बगावत के संकेत देखते हुए भाजपा विधानसभा सत्र की शुरुआत में कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। भाजपा ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक भी बुलाई है। राज्य भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ व्यवहार और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के हस्तक्षेप के कारण कांग्रेस आज यह स्थिति देख रही है। भाजपा का इससे कोई लेना देना नहीं है। विधानसभा का समीकरण :मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीट हैं। दो विधायकों का निधन हो चुका है। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। सरकार के लिए जरूरी आंकड़ा 115 है। कांग्रेस को चार निर्दलीय, 2 बसपा और एक सपा विधायक का समर्थन है। उसके पास कुल 121 जबकि भाजपा के पास 107 विधायक हैं। देश आज होली के जश्न में डूबा है वहीं, मध्य प्रदेश पर सियासी रंग चढ़ गया है। होली से ठीक पहले सोमवार को दिनभर चले सियासी घटनाक्रम ने रात होते-होते नया मोड़ ले लिया। देर रात बुलाई गई कैबिनेट बैठक के बाद इसमें मौजूद रहे कई मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना इस्तीफा सौंप दिया। सियासी उठापटक के बीच बीजेपी और कांग्रेस ने मंगलवार को विधायकों की अहम बैठक बुलाई है। एमपी में जारी सियासी संकट के बीच देर रात कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई वरिष्ठ नेता दस जनपथ पहुंचे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कमलनाथ को दोबारा कैबिनेट का गठन करने और जरूरत के मुताबिक मंत्रियों को चुनने की आजादी दी गई है। कमलनाथ से जुड़े नजदीकी सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरु गए विधायक पार्टी में वापस आ सकते हैं। कुछ विधायकों के फोन बंद:इससे पहले कमलनाथ सरकार के 15 से 20 बागी विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने की खबर आई थी। इनमें कई मंत्री भी शामिल हैं। सभी विधायकों के फोन बंद आ रहे हैं। इसकी खबर लगते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली से भोपाल लौट गए। उन्होंने तुरंत बैठक बुलाई। इसके बाद मंत्रियों ने उन्हें इस्तीफा सौंप दिया। भाजपा सक्रिय:कांग्रेस में बगावत के संकेत देखते हुए भाजपा विधानसभा सत्र की शुरुआत में कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। भाजपा ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक भी बुलाई है। राज्य भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ व्यवहार और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के हस्तक्षेप के कारण कांग्रेस आज यह स्थिति देख रही है। भाजपा का इससे कोई लेना देना नहीं है। विधानसभा का समीकरण :मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीट हैं। दो विधायकों का निधन हो चुका है। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। सरकार के लिए जरूरी आंकड़ा 115 है। कांग्रेस को चार निर्दलीय, 2 बसपा और एक सपा विधायक का समर्थन है। उसके पास कुल 121 जबकि भाजपा के पास 107 विधायक हैं। लाइव अपटेड्स:>>राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मध्य प्रदेश में जारी मौजूद संकट जल्द खत्म होगा और नेता मतभेदों को दूर करने में सक्षम हैं। राज्य को एक स्थिर सरकार की जरुरत है जनता से किए वादे को पूरा कर सके।>> कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने कहा है कि सभी 20 मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कर सकते हैं। हम सभी साथ हैं। सिधिया जी भी कांग्रेस के साथ हैं। सरकार सुरक्षित है। >> कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा, 'मीटिंग में सभी मंत्री मौजूद थे। सभी ने अपने इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप दिया। हमने उनसे फिर से मंत्रिमंडल गठन करने और बीजेपी द्वारा उत्पन्न की गई स्थितियों से निपटने के लिए कहा है। सरकार बची हुई है और पूरे पांच साल चलेगी।'वहीं, कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के लगभग 27 विधायकों के फोन बंद आ रहे हैं। कुछ मंत्रियों और विधायकों के कर्नाटक में होने की बात भी सामने आ रही है। देर शाम दिग्विजय सिंह ने सीएम आवास पर मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात भी की। इसके बाद रात में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें विधायकों ने इस्तीफा सौंपा था।