देश / एमेज़ॉन के ज़रिए ड्रग तस्करी के मामले में कंपनी के कार्यकारी निदेशकों पर केस दर्ज

भिंड (मध्य प्रदेश) में ड्रग तस्करी संबंधी मामले में एमेज़ॉन इंडिया के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ एनडीपीएस ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने इससे पहले एमेज़ॉन के ज़रिए ड्रग तस्करी को लेकर 2 लोगों को करीब ₹1.1 करोड़ के 20 किलोग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार किया था। वे गांजे को स्टेविया (मीठी तुलसी) बताकर बेच रहे थे।

Vikrant Shekhawat : Nov 21, 2021, 12:27 PM
भिंड: मध्यप्रदेश के भिंड जिले की गोहद चौराहा पुलिस ने अमेजन (Amazon) के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ ड्रग तस्करी (MP Online Drugs Supply Case) के आरोप में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.

इससे पहले पुलिस ने 13 नवंबर को एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20बी के तहत मामला दर्ज किया और इसमें अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

हाल ही में राज्य के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी कहा था कि अमेजन कंपनी के अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो इसके एमडी और सीईओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

आरोपी अब तक सप्लाई कर चुके हैं 1 टन से ज्यादा गांजा

पुलिस ने गोहद चौराहा निवासी पिंटू उर्फ ​​बिजेंद्र तोमर और ग्वालियर निवासी सूरज उर्फ ​​कल्लू पवैया के कब्जे से 21 किलो 734 ग्राम गांजा बरामद किया है.

इस मामले में ग्वालियर के मुकुल जायसवाल और मेहगांव निवासी चित्रा बाल्मीक को भी गिरफ्तार किया गया था. ये लोग करी पत्ते की आड़ में अमेजन पर भांग की तस्करी करते थे. पुलिस ने अमेजन पैकिंग कैन, रैपर, बारकोड टैगिंग आदि सहित लगभग 22 किलो गांजा जब्त किया है.

यह तस्करी विशाखापत्तनम से हो रही थी. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी अब तक एक टन से ज्यादा गांजा ऑनलाइन सप्लाई कर चुके हैं.

अमेजन के उत्तर से संतुष्ट नहीं- पुलिस

गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ के दौरान पुलिस को मिली जानकारी के आधार पर अमेजन के अधिकारियों से पूछताछ की गयी.

पता चला कि सूरज उर्फ ​​कल्लू पवैया और मुकुल जायसवाल ने बाबू टेक्स नाम की फर्जी कंपनी बनाई थी. बाद में एएसएसएल को अमेजन कंपनी में सेलर के तौर पर रजिस्टर कर विशाखापत्तनम से अपने ग्राहकों को स्टीविया के रूप में गांजा सप्लाई किया जाता था.

पुलिस का ये भी कहना है कि अमेजन की ओर से मुहैया कराए गए दस्तावेजों और जांच में सामने आए दस्तावेजों में अंतर है. इस कारण एएसएसएल अमेजन कंपनी के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम 1985 की धारा 38 के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें आरोपी बनाया गया है.