Vikrant Shekhawat : Sep 29, 2024, 11:40 AM
Amul News: गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (GCMMF), जो अमूल ब्रांड के तहत डेयरी उत्पाद बेचता है, ने हाल ही में अपनी 50वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में घोषणा की कि वित्त वर्ष 2023-24 में उसके कारोबार में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि उसके कुल कारोबार को 59,445 करोड़ रुपये (लगभग 7 अरब डॉलर) तक पहुंचाने में सफल रही है।स्वर्ण जयंती वर्ष की उपलब्धियांGCMMF के अध्यक्ष शामलभाई पटेल ने कहा, "हमने अपने स्वर्ण जयंती वर्ष में दुनिया में सबसे मजबूत खाद्य ब्रांड के रूप में उभरने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।" इस साल, अमूल के समूह का कुल कारोबार बढ़कर 80,000 करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) हो गया, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 72,000 करोड़ रुपये (9 अरब डॉलर) था।अमूल: विश्व के सबसे मजबूत ब्रांडों में से एकब्रिटेन की अग्रणी ब्रांड परामर्श कंपनी ब्रांड फाइनेंस के अनुसार, अमूल को दुनिया का सबसे मजबूत खाद्य ब्रांड और सबसे मजबूत डेयरी ब्रांड माना गया है। यह केवल एक मार्केटिंग उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उस समर्पण और मेहनत का परिणाम है जो अमूल ने अपने उत्पादों की गुणवत्ता और उपभोक्ता विश्वास बनाने में किया है।किसानों का संगठनGCMMF, जो दुनिया की सबसे बड़ी किसान-स्वामित्व वाली डेयरी सहकारी संस्था है, गुजरात के 18,600 गांवों से 36 लाख किसानों को जोड़ती है। इसके 18 सदस्य संघ प्रतिदिन 300 लाख लीटर दूध खरीदते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मुआवजा मिले, और उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराए जाएं।अमूल का सफर: गुजरात के छोटे शहर से विश्व मंच तकअमूल ब्रांड की शुरुआत 1946 में गुजरात के आणंद शहर से हुई थी, जो अहमदाबाद से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है। उस समय गुजरात में केवल एक पोलसन डेयरी थी। लेकिन, अमूल ने धीरे-धीरे अपनी गुणवत्ता और मार्केटिंग के बल पर न केवल भारत में, बल्कि कई अन्य देशों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।अमूल की बढ़ती लोकप्रियताअमूल के उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला में दूध, घी, दही, पनीर, आइसक्रीम और चॉकलेट शामिल हैं, जो भारतीय बाजार में अत्यधिक लोकप्रिय हैं। अमूल ने अपने अद्वितीय विज्ञापन और मार्केटिंग अभियानों के माध्यम से उपभोक्ताओं का ध्यान आकर्षित किया है। "अमूल, अमूल्य" का नारा अब देश के हर कोने में गूंजता है।निष्कर्षGCMMF और अमूल ब्रांड की सफलता ने भारतीय डेयरी उद्योग को एक नई दिशा दी है। किसानों के लिए यह केवल एक व्यवसाय नहीं है, बल्कि यह उनकी आजीविका और सामाजिक सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण साधन भी है। अमूल की कहानी यह दिखाती है कि कैसे एक स्थानीय सहकारी संस्था ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है और भारतीय बाजार में डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।