Vikrant Shekhawat : Sep 05, 2020, 11:24 PM
राज्यों की यह रैंकिंग निवेश को आकर्षित करने, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और प्रत्येक राज्य में कारोबारी सुगमता की स्थितियां बेहतर बनाने में मदद करेगी
Delhi | केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने व्यापार सुधार कार्य योजना (बीआरएपी) के तहत कारोबारी सुगमता के आधार पर राज्यों की रैंकिंग के चौथे संस्करण की आज घोषणा की। यह घोषणाएं रेल तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री तथा नागरिक उड्डयन तथा आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी,वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री सोमप्रकाश की उपस्थिति में की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उद्योग मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे।
व्यापार सुधार कार्य योजना के आधार पर राज्यों की रैंकिंग तय करने का काम 2015 में शुरू किया गया था। अबतक राज्यों की इस आधार पर रैंकिंग की सूची वर्ष 2015, 2016 और 2017-18 में जारी की गई थी। कार्य योजना 2018-19 में करोबार की स्थितियां बेहतर बनाने के लिए 180 मुख्य मानक तय किए गए हैं जिनमें 12 व्यावसायिक विनियामक क्षेत्र जैसे कि सूचना तक पहुंच, एकल खिड़की प्रणाली, श्रम और पर्यावरण आदि शामिल हैं। कारोबारी सुगमता के मामले में प्रदर्शन के आधार पर राज्यों की रैंकिग तय करते समय स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा और बड़े स्तर पर निवेश आकर्षित करने का उद्धेश्य हासिल करने का प्रयास किया गया है। इस बार की रैंकिंग तय करते समय जमीनी स्तर पर तीस हज़ार से अधिक लोगों से मिली प्रतिक्रियाओं को शामिल किया गया जिन्होंने सुधारों की प्रभावशीलता के बारे में अपनी राय दी। यह रैंकिंग राज्यों में निवेश को आकर्षित करने, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और प्रत्येक राज्य में कारोबारी सुगमता को बढ़ाने में मदद करेगी।
रैकिंग रिपोर्ट जारी करने के बाद श्रीमती सीतारामनने कहा “भारत में सुधार प्रक्रिया को गंभीरता से लिया जा रहा है। देश में कोविड महामारी के दौर में सख्त लॉकडाउन के बीच भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में बढ़ोतरी इसका उदाहरण है।कुछ राज्यों ने कार्य योजना को लागू करते हुए सुधार सुनिश्चित करने के मामले में असाधारण ऊर्जा दिखाई है। इन राज्यों ने कार्ययोजना के पीछे की भावना को सही मायने में अपनाया है।”पीयूष गोयल ने कहा कि कारोबार की बेहतर स्थितियों के बारे में राज्यों की आज जारी की गई रैकिंग राज्यों के इस विश्वास का प्रतिबिंब है कि वे लोगों की समृद्धि के लिए और बेहतर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत उन चंदों देशों में से है जहां राज्यों को इस तरह की रैकिंग दी जाती है। इससे कारोबारी सुगमता के लिहाज से समूचे राष्ट्र की रैकिंग सुधारने में मदद मिलती है।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वह सरकार से लाइसेंस नवीनीकरण या उनकी समयावधि बढ़ाए जाने से संबधित नियमों को खत्म करने,आवेदन करने की प्रक्रिया सुगम बनाने, जोखिम आकलन जांच प्रकिया या तीसरी पार्टी जांच प्रक्रिया शुरु करने तथा विनियमन की प्रक्रिया का डिजीटलीकरण और इसे ज्यादा से ज्यादा तर्कसंग बनाने का अनुरोध करेंगे।राज्य सुधार कार्य योजना 2019 के तहत शीर्ष दस राज्यों की सूची इस प्रकार है:
Delhi | केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने व्यापार सुधार कार्य योजना (बीआरएपी) के तहत कारोबारी सुगमता के आधार पर राज्यों की रैंकिंग के चौथे संस्करण की आज घोषणा की। यह घोषणाएं रेल तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री तथा नागरिक उड्डयन तथा आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी,वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री सोमप्रकाश की उपस्थिति में की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उद्योग मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे।
व्यापार सुधार कार्य योजना के आधार पर राज्यों की रैंकिंग तय करने का काम 2015 में शुरू किया गया था। अबतक राज्यों की इस आधार पर रैंकिंग की सूची वर्ष 2015, 2016 और 2017-18 में जारी की गई थी। कार्य योजना 2018-19 में करोबार की स्थितियां बेहतर बनाने के लिए 180 मुख्य मानक तय किए गए हैं जिनमें 12 व्यावसायिक विनियामक क्षेत्र जैसे कि सूचना तक पहुंच, एकल खिड़की प्रणाली, श्रम और पर्यावरण आदि शामिल हैं। कारोबारी सुगमता के मामले में प्रदर्शन के आधार पर राज्यों की रैंकिग तय करते समय स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा और बड़े स्तर पर निवेश आकर्षित करने का उद्धेश्य हासिल करने का प्रयास किया गया है। इस बार की रैंकिंग तय करते समय जमीनी स्तर पर तीस हज़ार से अधिक लोगों से मिली प्रतिक्रियाओं को शामिल किया गया जिन्होंने सुधारों की प्रभावशीलता के बारे में अपनी राय दी। यह रैंकिंग राज्यों में निवेश को आकर्षित करने, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और प्रत्येक राज्य में कारोबारी सुगमता को बढ़ाने में मदद करेगी।
रैकिंग रिपोर्ट जारी करने के बाद श्रीमती सीतारामनने कहा “भारत में सुधार प्रक्रिया को गंभीरता से लिया जा रहा है। देश में कोविड महामारी के दौर में सख्त लॉकडाउन के बीच भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में बढ़ोतरी इसका उदाहरण है।कुछ राज्यों ने कार्य योजना को लागू करते हुए सुधार सुनिश्चित करने के मामले में असाधारण ऊर्जा दिखाई है। इन राज्यों ने कार्ययोजना के पीछे की भावना को सही मायने में अपनाया है।”पीयूष गोयल ने कहा कि कारोबार की बेहतर स्थितियों के बारे में राज्यों की आज जारी की गई रैकिंग राज्यों के इस विश्वास का प्रतिबिंब है कि वे लोगों की समृद्धि के लिए और बेहतर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत उन चंदों देशों में से है जहां राज्यों को इस तरह की रैकिंग दी जाती है। इससे कारोबारी सुगमता के लिहाज से समूचे राष्ट्र की रैकिंग सुधारने में मदद मिलती है।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वह सरकार से लाइसेंस नवीनीकरण या उनकी समयावधि बढ़ाए जाने से संबधित नियमों को खत्म करने,आवेदन करने की प्रक्रिया सुगम बनाने, जोखिम आकलन जांच प्रकिया या तीसरी पार्टी जांच प्रक्रिया शुरु करने तथा विनियमन की प्रक्रिया का डिजीटलीकरण और इसे ज्यादा से ज्यादा तर्कसंग बनाने का अनुरोध करेंगे।राज्य सुधार कार्य योजना 2019 के तहत शीर्ष दस राज्यों की सूची इस प्रकार है:
- आंध्र प्रदेश
- उत्तर प्रदेश
- तेलंगाना
- मध्य प्रदेश
- झारखंड
- छत्तीसगढ़
- हिमाचल प्रदेश
- राजस्थान
- पश्चिम बंगाल
- गुजरात