नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच चीन को एक और बड़ा झटका लगने जा रहा है. ऐपल (Apple) असेंबली पार्टनर पेगाट्रॉन (Pegatron) भारत में अपना पहला प्लांट लगाएगी. पेगाट्रॉन दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है. जून में, सरकार ने दुनिया के शीर्ष स्मार्टफोन निर्माताओं को लुभाने के लिए 6.6 अरब डॉलर की योजना बनाई, जिसमें वित्तीय प्रोत्साहन और उपयोग में आने वाले विनिर्माण क्लस्टर की पेशकश की गई.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, पेगाट्रॉन अब भारत में कंपनी की स्थापना कर रहा है और ताइवान के इलेक्ट्रॉनिक्स असेंबलरों फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप (Foxconn Technology Group) और विस्ट्रॉन (Wistron) में शामिल हो रहा है, जो पहले से ही दक्षिण भारत में कुछ आईफोन हैंडसेट बना रहे हैं. चीन में कई कारखानों के साथ, Pegatron दूसरा सबसे बड़ा iPhone असेंबलर है और अपने आधे से अधिक व्यवसाय के लिए Apple पर निर्भर करता है. अन्य कंपनियों की तरह यह दक्षिण भारत में प्लांट स्थापित करेगी.
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के मैथ्यू कैंटरमैन के मुताबिक, फॉक्सकॉन (Foxconn) जिसे Hon Hai के नाम से भी जाना जाता है और विस्ट्रॉन (Wistron) देश में अपने परिचालन का विस्तार करना चाहते हैं. पेगाट्रॉन की एंट्री को बजट iPhone निर्माण के अपने हिस्से की रक्षा के लिए एक रक्षात्मक कदम के रूप में देखा जा सकता है. ऐपल अपना प्रोडक्शन चीन से शिफ्ट करने की सोच रहा है, क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से पहले ही बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच ट्रेड वॉर छिड़ा हुआ है.
बता दें कि कुशल श्रम के साथ-साथ भारत एक अरब मोबाइल कनेक्शन का एक बड़ा बाजार प्रदान करता है. हालांकि, उनमें से लगभग आधे स्मार्टफोन ही हैं लेकिन अनकैप्ड क्षमता को छोड़ दें जो कि ऐप्पल, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, श्याओमी और ओप्पो ग्रोथ हंगरी वैश्विक ब्रांडों के लिए आकर्षक है. वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच बिगड़ते व्यापारिक संबंधों के बीच पेगाट्रॉन जैसे असेंबलरों के लिए एक्सपोर्ट भी एक आकर्षक अवसर होगा.