Union Budget 2025: आम बजट 2024-25 की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। हर बार की तरह इस बार भी आम बजट से हर क्षेत्र को कई उम्मीदें हैं। विशेष रूप से सीमेंट उद्योग ने इस बार बजट में सरकार से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर में कटौती की मांग रखी है। जेके लक्ष्मी सीमेंट के अध्यक्ष और निदेशक अरुण शुक्ला ने सरकार से अपील की है कि सीमेंट पर वर्तमान में लागू 28 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत किया जाए। उनका कहना है कि इससे सीमेंट की खपत बढ़ेगी और भारत में बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलेगी।
सीमेंट उद्योग की मांग: 28 प्रतिशत जीएसटी घटाकर 18 प्रतिशत किया जाए
अरुण शुक्ला ने उद्योग की मांगों को रेखांकित करते हुए कहा कि सीमेंट पर वर्तमान में सबसे अधिक 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है। यह दर अन्य बुनियादी निर्माण सामग्रियों की तुलना में अधिक है। उन्होंने कहा कि सीमेंट उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभाता है। विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सीमेंट की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है।
शुक्ला ने यह भी कहा कि सीमेंट से बनी कंक्रीट की सड़कें डामर सड़कों की तुलना में अधिक टिकाऊ और किफायती होती हैं। उन्होंने जोर दिया कि यदि सरकार जीएसटी दर घटाती है, तो यह न केवल उद्योग को बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा प्रोत्साहन देगा।
बिहार में 500 करोड़ रुपये का निवेश
जेके लक्ष्मी सीमेंट बिहार के मधुबनी जिले में एक नया विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने जा रहा है। इसके लिए कंपनी 500 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। यह संयंत्र स्थानीय मांग को पूरा करने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास में भी योगदान देगा। कंपनी ने राज्य सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।अरुण शुक्ला ने बताया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और संयंत्र के निर्माण की अन्य मंजूरियां भी जल्द मिल जाएंगी। कंपनी को उम्मीद है कि यह संयंत्र एक वर्ष के भीतर चालू हो जाएगा। उन्होंने बिहार सरकार के राजकोषीय प्रोत्साहन और सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अपने वादों को पूरा किया है।
जेके लक्ष्मी सीमेंट का विस्तार लक्ष्य
अरुण शुक्ला ने जानकारी दी कि जेके लक्ष्मी सीमेंट की वर्तमान वार्षिक उत्पादन क्षमता 1.8 करोड़ टन है। कंपनी ने 2030 तक अपनी क्षमता को 3 करोड़ टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में 1.2 करोड़ टन अतिरिक्त उत्पादन क्षमता विस्तार किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि कंपनी के लिए बिहार में संयंत्र स्थापित करना एक सकारात्मक अनुभव रहा है। राज्य के विभिन्न विभागों और प्रशासन से उन्हें जिस प्रकार का समर्थन मिला है, वह उल्लेखनीय है। शुक्ला ने कहा कि यह संयंत्र न केवल स्थानीय मांग को पूरा करेगा, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।
बजट से उम्मीदें और भविष्य की योजनाएं
आगामी बजट से सीमेंट उद्योग को कई उम्मीदें हैं। उद्योग जगत का मानना है कि जीएसटी दर में कमी से निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में सरकार की नीतियों से सीमेंट की मांग में और वृद्धि हो सकती है।जेके लक्ष्मी सीमेंट जैसी कंपनियां निवेश और विस्तार के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही हैं। शुक्ला ने कहा कि यदि सरकार की ओर से नीति समर्थन मिलता है, तो उद्योग और भी तेजी से विकास कर सकेगा।
निष्कर्ष
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सीमेंट उद्योग की जीएसटी दर में कटौती की मांग बेहद महत्वपूर्ण है। इससे न केवल सीमेंट की खपत में इजाफा होगा, बल्कि बुनियादी ढांचे के विकास को भी गति मिलेगी। जेके लक्ष्मी सीमेंट जैसी कंपनियों का निवेश और विस्तार भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा। आगामी बजट से उद्योग को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार सीमेंट उद्योग की इन मांगों को कितना महत्व देती है।