Union Budget 2025 / आज से शुरू होगा संसद का बजट सत्र, संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी राष्ट्रपति मुर्मू

संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें होंगी, जिसमें वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। 1 फरवरी को मोदी सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।

Vikrant Shekhawat : Jan 31, 2025, 09:37 AM

Union Budget 2025: संसद का बहुप्रतीक्षित बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने से होगी। इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी।

मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण बजट

1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी। यह बजट देश की आर्थिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने बजट सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें विपक्ष ने अपने रुख स्पष्ट कर दिए। समाजवादी पार्टी ने महाकुंभ हादसे पर चर्चा और पारदर्शी जांच की मांग की, जबकि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों को सदन में उठाने की घोषणा की।

महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी

सरकार इस बजट सत्र में 16 अहम विधेयक पेश कर सकती है, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  1. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024

  2. मुसलमान वक्फ (रिपील) विधेयक, 2024

  3. बैंकिंग (संशोधन) विधेयक, 2024

  4. रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024

  5. आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024

  6. वित्त विधेयक, 2025

  7. विमान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक, 2025

  8. "त्रिभुवन" सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025

  9. आप्रवासन और विदेशी विधेयक, 2025

  10. बिल ऑफ लैडिंग विधेयक, 2024

  11. तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024

  12. बॉयलर बिल, 2024

  13. समुद्र द्वारा माल की ढुलाई विधेयक, 2024

  14. तटीय नौवहन विधेयक, 2024

  15. मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024

  16. गोवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में SC/ST के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन बिल, 2024

दो चरणों में होगा बजट सत्र

बजट सत्र दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहला चरण 13 फरवरी को समाप्त होगा, जबकि दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा।

निष्कर्ष

यह बजट सत्र न केवल वित्तीय नीति निर्धारण बल्कि विभिन्न विधायी सुधारों के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण रहेगा। सरकार और विपक्ष दोनों ही अपनी रणनीति के साथ सत्र में उतरेंगे, जिससे तीखी बहसें और चर्चाएं देखने को मिल सकती हैं।