Delhi NCR Air Quality / दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता में सुधार, GRAP-3 की पाबंदियां हटाई गईं

दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद ग्रैप-3 प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 5 जनवरी को औसत AQI 339 दर्ज होने के बाद यह फैसला किया। ग्रैप-3 के तहत डीजल वाहनों पर बैन, निर्माण कार्य रोक और स्कूल बंद जैसी पाबंदियां लागू थीं, जो अब हटा ली गई हैं।

Vikrant Shekhawat : Jan 05, 2025, 07:40 PM

Delhi NCR Air Quality: दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता में सुधार आने के बाद ग्रैप-3 को हटा लिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रैप-3 से जुड़ी सभी पाबंदियों को भी खत्म कर दिया है। आज यानी 5 जनवरी को दोपहर 4 बजे से 5 बजे के बीच दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 339 दर्ज किया गया। यह स्तर चिंताजनक तो है, लेकिन गंभीर श्रेणी से बाहर है। इसी के चलते आयोग ने तुरंत प्रभाव से ग्रैप-3 की पाबंदियां हटा ली हैं।

क्यों लगाया गया था ग्रैप-3?

दरअसल, 3 जनवरी को दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था। AQI के गंभीर श्रेणी में आने के कारण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रैप-3 लागू करने का निर्णय लिया था। इसके तहत कई कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, पिछले दो दिनों से तेज हवाओं के चलने की वजह से प्रदूषण का स्तर घटने लगा और वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ।

क्या है ग्रैप-3?

ग्रैप (Graded Response Action Plan) एक चार-स्तरीय कार्य योजना है, जिसे वायु प्रदूषण के स्तर के आधार पर लागू किया जाता है। ग्रैप-3 तब लागू किया जाता है, जब AQI 401 से ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है। इस स्तर पर कई सख्त पाबंदियां लागू की जाती हैं ताकि वायु प्रदूषण को तेजी से कम किया जा सके।

कौन-कौन सी पाबंदियां लागू थीं?

ग्रैप-3 लागू होने के बाद दिल्ली-NCR में कई प्रकार की पाबंदियां लगाई गई थीं। इनमें प्रमुख प्रतिबंध निम्नलिखित हैं:

  1. डीजल वाहनों पर प्रतिबंध: केवल आवश्यक सेवाओं के लिए चलने वाले वाहनों को छूट दी गई थी। गैर-सीएनजी और गैर-इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी गई थी।

  2. निर्माण कार्यों पर रोक: सभी प्रकार के निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। केवल आवश्यक परियोजनाओं को छूट दी गई थी, जैसे अस्पताल, रेलवे और मेट्रो से जुड़ी गतिविधियां।

  3. स्कूलों पर प्रभाव: पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने या ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए थे। बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए यह कदम उठाया गया था।

  4. औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध: केवल उन उद्योगों को काम करने की अनुमति दी गई थी जो गैस या पर्यावरण-अनुकूल ईंधन का उपयोग करते हैं।

क्यों हटाई गई पाबंदियां?

पिछले दो दिनों में हवा की दिशा और गति में बदलाव के कारण वायु प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। तेज हवाओं ने प्रदूषक कणों को हटा दिया है, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। 5 जनवरी को औसत AQI 339 दर्ज किया गया, जो कि गंभीर श्रेणी से बाहर है।

वायु गुणवत्ता में यह सुधार देखते हुए CAQM ने ग्रैप-3 के तहत लागू सभी प्रतिबंधों को हटाने का निर्णय लिया। हालांकि, आयोग ने लोगों से अभी भी सतर्क रहने की अपील की है और कहा है कि प्रदूषण स्तर को नियंत्रित रखने के लिए सभी जरूरी उपायों का पालन किया जाए।

आगे की क्या है योजना?

विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव होता रहता है। इसलिए CAQM लगातार AQI की निगरानी कर रहा है। यदि प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ता है तो ग्रैप-3 को दोबारा लागू किया जा सकता है।

दिल्ली-NCR के निवासियों को भी जागरूक रहना होगा और अपने स्तर पर प्रदूषण को कम करने में सहयोग करना होगा। वाहनpooling का इस्तेमाल, सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता देना और अनावश्यक वाहनों का उपयोग न करना कुछ ऐसे कदम हैं जो वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकते हैं।

निष्कर्ष

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जो हर सर्दियों में चिंता का विषय बन जाती है। ग्रैप-3 जैसी योजनाओं का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना है। हालिया सुधार के चलते ग्रैप-3 की पाबंदियां हटा दी गई हैं, लेकिन प्रदूषण से स्थायी रूप से निजात पाने के लिए दीर्घकालिक उपायों की जरूरत है। सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ नागरिकों को भी इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।