Delhi Air Pollution / दिल्ली की हवा में 'जहर', 9 इलाके रेड जोन में, AQI 400 के पार

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। कई इलाकों का AQI 400 के पार है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया है। सोनिया विहार, विवेक विहार, और आनंद विहार जैसे क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सरकार सख्त कदम उठा रही है, लेकिन ठंड बढ़ने से हालात और खराब हो रहे हैं।

Vikrant Shekhawat : Nov 24, 2024, 09:03 AM
Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे राजधानी में हालात खतरनाक बने हुए हैं। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुका है। दिल्ली की हवा में घुलता जहर हर सांस को मुश्किल बना रहा है। शनिवार को जहां राजधानी का औसत AQI 420 के खतरनाक स्तर पर था, वहीं रविवार को इसमें थोड़ी कमी आई है, लेकिन हालात अभी भी गंभीर हैं।


दमघोटू हवा और खतरनाक AQI स्तर

दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 के पार है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। सोनिया विहार, विवेक विहार, वजीरपुर, जहांगीरपुरी, द्वारका सेक्टर 8, आनंद विहार, अशोक विहार, अलीपुर और बवाना जैसे इलाकों में हवा की गुणवत्ता सबसे खराब दर्ज की गई है। इन इलाकों का AQI 410 से ऊपर है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है।


300 से 400 के बीच AQI: खतरनाक श्रेणी में इलाके

दिल्ली के अन्य इलाकों में भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं है। कई जगहों पर AQI 300 से 400 के बीच है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। प्रमुख स्थानों का AQI इस प्रकार है:

  • IGI एयरपोर्ट: 325
  • दिलशाद गार्डन: 385
  • ITO: 327
  • जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम: 351
  • लोधी रोड: 302
  • पंजाबी बाग: 379
  • मथुरा रोड: 360
इन स्थानों पर रहने वाले लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दमघोटू हवा से बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ रहा है।


प्रदूषण के कारण

दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ने के कई कारण हैं:

  1. पराली जलाना: पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं सर्दियों में बढ़ जाती हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता गिर जाती है।
  2. वाहन प्रदूषण: दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले लाखों वाहन प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं।
  3. निर्माण गतिविधियां: निर्माण स्थलों से निकलने वाली धूल प्रदूषण को और बढ़ा देती है।
  4. मौसमी प्रभाव: सर्दियों में ठंडी और स्थिर हवाओं के कारण प्रदूषक कण वातावरण में बने रहते हैं।

सरकार के प्रयास और चुनौतियां

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कई प्रतिबंध लागू किए गए हैं, जिनमें निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कार्रवाई शामिल है। इसके बावजूद स्थिति में सुधार धीमा है।


समाधान की दिशा में कदम

दिल्ली को प्रदूषण के संकट से बचाने के लिए व्यापक और दीर्घकालिक प्रयासों की जरूरत है। संभावित उपाय:

  1. पराली जलाने पर सख्ती: किसानों को पराली प्रबंधन के लिए आर्थिक मदद और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
  2. हरित ऊर्जा को बढ़ावा: वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक विकल्पों को प्रोत्साहित करना।
  3. सार्वजनिक परिवहन का विस्तार: मेट्रो और बसों का दायरा बढ़ाकर निजी वाहनों पर निर्भरता कम की जा सकती है।
  4. वृक्षारोपण और ग्रीन बेल्ट: हरित क्षेत्रों को बढ़ावा देकर प्रदूषण कणों को कम किया जा सकता है।
  5. शिक्षा और जागरूकता: लोगों को प्रदूषण के खतरों और उसके समाधान में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक करना।

निष्कर्ष

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर हर साल गंभीर चिंता का विषय बन जाता है। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि शहर के विकास और जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है। सरकार और जनता दोनों को इस संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करना होगा। एक स्वच्छ और स्वस्थ दिल्ली के लिए आज ही कदम उठाने की जरूरत है।