Ramesh Bidhuri News: प्रियंका गांधी को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी के विवादित बयान पर राजनीतिक बवाल बढ़ता ही जा रहा है। उनके इस बयान को लेकर देशभर में तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां विपक्षी दल इस बयान की निंदा कर रहे हैं, वहीं भाजपा ने भी इस पूरे प्रकरण से खुद को अलग कर लिया है।
बयान पर बवाल और खेद प्रकट करना
रमेश बिधूड़ी ने प्रियंका गांधी पर की गई टिप्पणी के बाद बढ़ते विवाद को देखते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खेद जताया। उन्होंने लिखा, "किसी संदर्भ में मेरे द्वारा दिए गए बयान पर कुछ लोग गलत धारणा से राजनीतिक लाभ के लिए सोशल मीडिया पर बयान दे रहे हैं। मेरा आशय किसी को अपमानित करने का नहीं था, परंतु फिर भी अगर किसी भी व्यक्ति को दुख हुआ है तो मैं खेद प्रकट करता हूं।"
हालांकि, यह खेद प्रकट करने वाला बयान तब आया जब कुछ घंटे पहले ही उन्होंने माफी मांगने से इंकार कर दिया था। बिधूड़ी ने अपने बयान में कहा था कि कांग्रेस को पहले लालू यादव से माफी मंगवानी चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया जाएगा, वैसा ही जवाब दिया जाएगा। उनका तर्क था कि जिसने पहले गलती की है, उसे ही माफी मांगनी चाहिए।
क्या था बिधूड़ी का बयान?
रमेश बिधूड़ी ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था, "लालू यादव झूठ बोलते थे कि वे बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गालों की तरह बना देंगे। वो तो नहीं बना पाए, लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि कालकाजी के सुधार कैंप के सामने वाली, अंदर वाली सभी सड़कों को प्रियंका गांधी के गालों की तरह बना देंगे।"बिधूड़ी का यह बयान न केवल अभद्र था, बल्कि महिलाओं के प्रति उनकी सोच को भी दर्शाता है। उनके इस बयान ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया और विरोधियों को भाजपा पर निशाना साधने का मौका दे दिया।
बयान का विरोध
बिधूड़ी के इस बयान का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इसे शर्मनाक और घटिया सोच का प्रतीक बताया। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "यह बदतमीजी सिर्फ इस घटिया आदमी की मानसिकता नहीं दिखाती, बल्कि यह उसके मालिकों की असलियत भी उजागर करती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्कार आपको भाजपा के इन ओछे नेताओं में साफ दिख जाएंगे।"आम आदमी पार्टी के नेता भी बिधूड़ी के बयान की आलोचना में पीछे नहीं रहे। पार्टी ने कहा कि भाजपा के नेताओं की महिलाओं के प्रति इस तरह की सोच निंदनीय है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भाजपा अपने नेताओं के इस तरह के बयानों का समर्थन करती है?
भाजपा की चुप्पी
इस पूरे विवाद के बीच भाजपा नेतृत्व ने अभी तक इस मामले पर कोई ठोस बयान नहीं दिया है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने बिधूड़ी को निजी तौर पर फटकार लगाई है और भविष्य में इस तरह की बयानबाजी से बचने की सलाह दी है।
राजनीतिक असर
बिधूड़ी के इस बयान का राजनीतिक असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे महिलाओं के सम्मान से जोड़कर भाजपा को घेरने की तैयारी में हैं। खासतौर पर आगामी चुनावों में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जा सकता है।यह घटना भारतीय राजनीति में गिरते हुए भाषा स्तर की एक और मिसाल है। जहां एक तरफ राजनीतिक दल महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके नेता महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने से नहीं चूकते।
नारी सम्मान का सवाल
बिधूड़ी के बयान ने एक बार फिर नारी सम्मान के सवाल को केंद्र में ला दिया है। राजनीतिक मंचों से महिलाओं के खिलाफ इस तरह की अभद्र टिप्पणियां न केवल महिलाओं का अपमान करती हैं, बल्कि समाज में गलत संदेश भी भेजती हैं। यह समय है कि सभी राजनीतिक दल अपने नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाएं और सुनिश्चित करें कि वे मर्यादित भाषा का उपयोग करें।
निष्कर्ष
रमेश बिधूड़ी का प्रियंका गांधी को लेकर दिया गया बयान उनकी सोच और महिलाओं के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है। हालांकि उन्होंने खेद प्रकट किया है, लेकिन यह घटना भारतीय राजनीति में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता की कमी को उजागर करती है। राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे अपने नेताओं को अनुशासित करें और महिलाओं के सम्मान की रक्षा करें। वरना आने वाले समय में जनता ऐसे नेताओं को चुनावों में सबक सिखाने से नहीं चूकेगी।