India China / चीन को दिया गया आंख मिलाकर जवाब, दूर होगी 'ड्रैगन' की हेकड़ी: वरुण गांधी

भाजपा नेता वरुण गांधी ने कहा है कि भारत एकमात्र देश है जो सीमा पर अपने सैनिकों की ताकत के दम पर चीन से नजरें मिलाकर देख सका है। और अब चीन को अपने शक्तिशाली पड़ोसी को उकसाने की रणनीतिक भूल का अहसास होगा। एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में वरुण गांधी ने एलएसी पर भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध पर कहा कि चीन ने पिछले कुछ समय में अधिकतर सीमावर्ती क्षेत्रों में बहुत आक्रामकता दिखाई

Zee News : Aug 28, 2020, 07:50 AM
नई दिल्ली: भाजपा (BJP) नेता वरुण गांधी (Varun Gandhi ) ने कहा है कि भारत (India) एकमात्र देश है जो सीमा पर अपने सैनिकों की ताकत के दम पर चीन (China) से नजरें मिलाकर देख सका है। और अब चीन को अपने शक्तिशाली पड़ोसी को उकसाने की रणनीतिक भूल का अहसास होगा। एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में वरुण गांधी ने एलएसी पर भारत-चीन के बीच जारी  गतिरोध पर कहा कि चीन ने पिछले कुछ समय में अधिकतर सीमावर्ती क्षेत्रों में बहुत आक्रामकता दिखाई है और दक्षिण चीन सागर (South China Sea) , सेंकाकू द्वीपसमूह (Senkaku Islands ) , ताईवान (Taiwan) और तिब्बत (Tibet)  में तनाव है, ‘लेकिन भारत एकमात्र देश है जो अपने सीमा पर तैनात सैनिकों के जरिए चीन से नजरें मिला सका है’।


चीन को चेतावनी

गलवान घाटी में भारत के सैनिकों की शहादत का उल्लेख करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)  के नेतृत्व में भारत के सशस्त्र बल चीन को इस बात का अहसास करवाने के लिए विवश करे देंगे कि भारत को उकसाना उसकी रणनीतिक भूल थी। वरुण ने कहा कि चीन को इसका भारी खामियाजा भारत जैसी आर्थिक महाशक्ति वाले एक भागीदार को गंवाने के रूप में भुगतना पड़ेगा। मोदी सरकार का रक्षा बलों को सशक्त बनाने पर जोर दिया जाना तथा पूरी रणनीतिक मुद्रा में बदलाव हमें दीर्घकालिक रूप में सक्षम बनाएगा। उन्होंने कहा कि नीतिगत मामलों के कई टिप्पणीकार चीन की सशस्त्र ताकत को लेकर आशंकाएं जाहिर करते हैं, लेकिन अक्सर यह भुला दिया जाता है कि भारत के पास पहाड़ों पर लड़ सकने वाली दुनिया की सबसे बड़ी और सर्वाधिक अनुभवी सेना है।

देश का पुनर्जागरण

इतने साल के संघर्ष के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होते देखना हनुमान जी के भक्त के तौर पर उनके लिए स्वप्न का साकार होने जैसा है। भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं हैं, वह भारतीय सभ्यता के एक उल्लेखनीय प्रतीक हैं। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर के भूमिपूजन को देश के स्वतंत्रता दिवस से जोड़ते हुए वरुण ने कहा, ‘अगस्त 1947 में भारत का नियति से साक्षात्कार हुआ था। अब भारत का पुनर्जागरण हुआ है और यह अपनी सभ्यतागत मान्यताओं से फिर जुड़ रहा है।’