UP Election / जो हमारी नहीं हुईं, वह जनता का भला कैसे करेंगी, बहन पर बरसीं अनुप्रिया

अपने सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी एवं सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के समर्थन में वोट मांगने आयी अनुप्रिया ने सिराथू विधानसभा एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अपना दल संस्थापक सोनेलाल पटेल मेरे पिता सामाजिक न्याय के पुरोधा थे। उनके संघर्ष, तपस्या एवं दिए गए संस्कार से आज नेता बन सकी हूं। मेरी बड़ी बहन सिराथू सीट से सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ रही हैं।

Vikrant Shekhawat : Feb 21, 2022, 09:44 PM
UP Election | अपना दल (एस) अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपने पारिवारिक मतभेद का खुलासा करते हुए कहा कि उन्हे धोखा देने और फर्जी मुकदमे में फंसाने वाली उनकी बड़ी बहन और समाजवादी गठबंधन प्रत्याशी पल्लवी पटेल से जनता खुद की भलाई की उम्मीद कैसे कर सकतें हैं।

अपने सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी एवं सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के समर्थन में वोट मांगने आयी अनुप्रिया ने सिराथू विधानसभा एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अपना दल संस्थापक सोनेलाल पटेल मेरे पिता सामाजिक न्याय के पुरोधा थे। उनके संघर्ष, तपस्या एवं दिए गए संस्कार से आज नेता बन सकी हूं। मेरी बड़ी बहन सिराथू सीट से सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ रही हैं। पिता की मृत्यु के 13 वर्ष बाद मैं पहली बार अपने मन की बात आप सब से साझा कर रही हूं जिस मेरी बड़ी बहन पल्लवी पटेल ने अपनी छोटी बहन का हक मारकर उसकी संपत्ति का अकेले मां से वसीयत करा लिया हो, 2014 में मुझे फर्जी मुकदमे में फसाकर सांसद बनने में बाधा पहुंचाने का काम किया। ऐसी महिला जो छोटी बहन की नहीं हुई उससे आप लोग कैसे उम्मीद करते हैं।

उन्होंने कहा कि मेरे पिता सोनेलाल किसान, मजदूर, कमजोर वर्ग के लिए हमेशा संघर्ष किया। मैं अपने पिता की विचारधारा को आगे बढ़ा कर बेटी होने का फर्ज अदा कर रही हूं। निर्णय आप सबको करना है कि पिता के सपनों को पूरा करने वाली उनके स्वाभिमान और सम्मान को बढ़ाने वाली बेटी पसंद है या फिर पिता के स्वाभिमान एवं सिद्धांतों को दूसरे पार्टी के पैर के नीचे गिरवी रखने वाली बेटी पसंद है। अपना दल अध्यक्ष ने कहा कि मेरे पिता सोनेलाल पटेल कोविधायक, सांसद बनना होता तो वह कभी भी दूसरे पार्टी से मिलकर दूसरे पार्टी के चुनाव निशान पर चुनाव जीतकर अपनी इच्छा पूरी कर सकते थे। लेकिन मेरे पिता ने कभी भी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। दूसरी ओर मेरी बड़ी बहन पिता के सिद्धांतों को राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते कुचलने का काम किया है। 

उन्होंने कहा कि मैं अभी चाहती हूं कि मेरी मां कृष्णा पटेल अपना दल का नेतृत्व संभाले लेकिन मेरी बड़ी बहने नहीं होने देगी। प्रतापगढ़ सदर से मेरी मां कृष्णा पटेल चुनाव लड़ रही हैं हमने वहां अपना प्रत्याशी सेटिंग विधायक को उनके सामने चुनाव मैदान में नहीं उतारा और ना ही कभी मैं वहां चुनाव प्रचार करने के लिए जाऊंगी। उन्होंने कहा कि पिता के सिद्धांतों पर चलकर उनके द्वारा पिछड़े वर्ग को न्याय दिलाने के लिए जो संघर्ष मेरे पिता द्वारा किया गया था उसे आगे बढ़ाने का काम मेरे द्वारा किया जा रहा है। संघर्ष का ही परिणाम है कि पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अपना दल के प्रयास से बना, केंद्रीय विद्यालयों में पिछड़े वर्ग के बच्चों को प्रवेश में आरक्षण मिला। अपना दल के ही प्रयास से मेडिकल की नीट की प्रवेश परीक्षा में 27 फीसदी आरक्षण पिछड़े वर्ग के छात्रों को आरक्षण मिला है।

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि समाजवादी पार्टी के आंखों में हमेशा अपना दल किरकिरी बन कर रहा है। 2012 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी अगर चाहते तो पिछड़े वर्ग के छात्रों को नीट मे आरक्षण मिल सकता था। उस समय नीट की परीक्षा में आरक्षण की व्यवस्था तब नहीं थी। तब केंद्र की यूपीए सरकार का समाजवादी पार्टी सहयोग कर रही थी। समाजवादी पार्टी नहीं ऐसा नहीं चाहा नहीं तो पिछड़े वर्ग का आरक्षण मिल जाता। उन्होंने कहा कि अपना दल हमेशा पिछड़ों एवं कमजोर वर्ग के कल्याण की मांग उठाता रहेगा, अभी जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है। पिछड़ा वर्ग का अलग मंत्रालय बने, निचली अदालत से लेकर ऊपर की अदालतों में पिछड़े वर्ग आरक्षण  की व्यवस्था हो यह मांगे लगातार उठाई जा रही हैं।