News18 : Sep 01, 2020, 06:59 AM
नई दिल्ली। रिटायर्ड IAS अधिकारी अशोक लवासा (Ashok Lavasa) का सोमवार को चुनाव आयोग (Election Commission) में बतौर चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) आखिरी दिन था। लेकिन इसी दिन चुनाव आयोग से एक ऐसा आदेश आया जिसमें अशोक लवासा ने अपनी असहमति जाहिर की है। दरअसल ये मसला केरल कांग्रेस मनी (Kerala Congress Mani-KCM) पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर आयोग के आदेश से जुड़ा हुआ है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने सांसद जोस के। मनी के नेतृत्व वाले KCM ग्रुप को असली पार्टी माना। जबकि चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने अपना अलग मत दिया। लवासा चाहते थे कि नए दस्तावेज के बिना किसी को भी असली केरल कांग्रेस मनी नहीं माना जाए।
मामले में 2 के मुकाबले 1 से चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुनाया है। इस फैसले के मुताबिक असली KCM पार्टी जोस। के। मनी की है और चुनाव सिंबल दो पत्ता भी उन्हीं का है। पार्टी पर जोस के मनी के अलावा पीजे जोसेफ का दावा था और मामला 2019 में चुनाव आयोग के सामने आया था। हालांकि भले ही यह फैसला 31 अगस्त को आया लेकिन अशोक लवासा ने अपना मत 28 अगस्त को दे दिया था।
ज्वाइन करेंगे एशियन डेवलपमेंट बैंकएशियन डेवलपमेंट बैंक ने लवासा की नियुक्ति की घोषणा 15 जुलाई को की थी। लवासा को राज्यों और केंद्र के स्तर पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप और मूलभूत सुविधाओं के विकास की अच्छी जानकारी है। इसके अलावा उन्हें पब्लिक पॉलिसी में प्राइवेट सेक्टर के रोल की भी अच्छी जानकारी है। वह एशियन डेवलपमेंट बैंक में निवर्तमान वाइस प्रेसिडेंट दिवाकर गुप्ता की जगह लेंगे। जो कि बैंक के प्राइवेट सेक्टर के कामकाज और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के इंचार्ज हैं।
क्लीनचिट का विरोध कर आए थे चर्चा मेंअशोक लवासा को पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान उस समय खूब सुर्खियां मिली थीं जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में दी गई क्लीन चिट का विरोध किया था। बाद में उनकी पत्नी सहित परिवार के तीन सदस्य इनकम टैक्स के निशाने पर आ गए थे। तीनों पर आय सावर्जनिक न करने और आय से अधिक संपत्ति होने के मामले थे। हालांकि लवासा के परिवार के तीनों ही सदस्यों ने आरोपों से इनकार किया था।
मामले में 2 के मुकाबले 1 से चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुनाया है। इस फैसले के मुताबिक असली KCM पार्टी जोस। के। मनी की है और चुनाव सिंबल दो पत्ता भी उन्हीं का है। पार्टी पर जोस के मनी के अलावा पीजे जोसेफ का दावा था और मामला 2019 में चुनाव आयोग के सामने आया था। हालांकि भले ही यह फैसला 31 अगस्त को आया लेकिन अशोक लवासा ने अपना मत 28 अगस्त को दे दिया था।
ज्वाइन करेंगे एशियन डेवलपमेंट बैंकएशियन डेवलपमेंट बैंक ने लवासा की नियुक्ति की घोषणा 15 जुलाई को की थी। लवासा को राज्यों और केंद्र के स्तर पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप और मूलभूत सुविधाओं के विकास की अच्छी जानकारी है। इसके अलावा उन्हें पब्लिक पॉलिसी में प्राइवेट सेक्टर के रोल की भी अच्छी जानकारी है। वह एशियन डेवलपमेंट बैंक में निवर्तमान वाइस प्रेसिडेंट दिवाकर गुप्ता की जगह लेंगे। जो कि बैंक के प्राइवेट सेक्टर के कामकाज और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के इंचार्ज हैं।
क्लीनचिट का विरोध कर आए थे चर्चा मेंअशोक लवासा को पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान उस समय खूब सुर्खियां मिली थीं जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में दी गई क्लीन चिट का विरोध किया था। बाद में उनकी पत्नी सहित परिवार के तीन सदस्य इनकम टैक्स के निशाने पर आ गए थे। तीनों पर आय सावर्जनिक न करने और आय से अधिक संपत्ति होने के मामले थे। हालांकि लवासा के परिवार के तीनों ही सदस्यों ने आरोपों से इनकार किया था।