Lok Sabha Election / कुछ नहीं...आज शाम तक ही पेश करें आरोपों के सबूत- जयराम रमेश की ठुकराई चुनाव आयोग ने अपील

कांग्रेस नेता जयराम रमेश के अनुरोध को चुनाव आयोग ने सिरे से ठुकरा दिया है और कहा है कि आज शाम ही वो आरोपों के सबूत पेश करें। बता दें कि जयराम रमेश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया था कि अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के बाद देश भर के 150 जिलाधिकारियों को फोन किया था। अपने इस आरोप के सबूत के लिए जयराम रमेश ने एक सप्ताह का समय मांगा था। अब चुनाव आयोग ने कहा है कि आपको एक सप्ताह का समय

Vikrant Shekhawat : Jun 03, 2024, 05:44 PM
Lok Sabha Election: कांग्रेस नेता जयराम रमेश के अनुरोध को चुनाव आयोग ने सिरे से ठुकरा दिया है और कहा है कि आज शाम ही वो आरोपों के सबूत पेश करें। बता दें कि जयराम रमेश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया था कि अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के बाद देश भर के 150 जिलाधिकारियों को फोन किया था। अपने इस आरोप के सबूत के लिए जयराम रमेश ने एक सप्ताह का समय मांगा था। अब चुनाव आयोग ने कहा है कि आपको एक सप्ताह का समय नहीं दिया जाएगा, आप आज शाम ही सबूत पेश करें।   

चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को सोमवार शाम सात बजे तक इन आरोपों के लिए जवाब देने को कहा है। कांग्रेस नेता ने कहा था कि, "अब तक उन्होंने 150 लोगों से बात की है और यह स्पष्ट रूप से धमकी है, जो दिखाती है कि बीजेपी कितनी हताश है। अधिकारियों को किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए और संविधान का पालन करना चाहिए।"

इससे पहले दिन में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जयराम रमेश के आरोपों पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि अफवाहें फैलाना और हर किसी पर शक करना सही नहीं है।

चुनाव आयुक्त ने इन आरोपों पर सख्ती दिखाते हुए कहा, "क्या कोई उन सभी (जिला मजिस्ट्रेट/रिटर्निंग ऑफिसर) को प्रभावित कर सकता है? हमें बताएं कि यह किसने किया। हम उस व्यक्ति को सजा देंगे, जिसने ऐसा किया... यह सही नहीं है कि आप अफवाह फैलाएं और हर किसी पर शक करें।"

बता दें कि रविवार को चुनाव आयोग ने जयराम रमेश से अमित शाह के खिलाफ जो उन्होने आरोप लगाए हैं, उसे लेकर पूरी जानकारी मांगी थी। ईसीआई ने कहा था, "वोटों की गिनती की प्रक्रिया हर आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) का एक कर्तव्य है। एक वरिष्ठ, जिम्मेदार और अनुभवी नेता की ओर से इस तरह से सार्वजनिक बयान देकर शक पैदा करने की स्थिति नहीं पैदा करनी चाहिए। जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्हें इस पर ध्यान रखना चाहिए।"