दुनिया / एस्टेरॉयड ने बनाए धरती में विशालकाय गड्ढे, कुछ तो कई किलोमीटर में फैले

एस्टेरॉयड 1998 OR2, 29 अप्रैल यानी बुधवार को धरती के बगल से गुजर गया। लेकिन धरती पर कई एस्टेरॉयड्स टकराए भी हैं, छो़टे-बड़े आकार के। इनकी वजह से धरती पर कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए, जिन्हें क्रेटर कहते हैं। कुछ तो इतने बड़े हैं कि उनका नक्शा अंतरिक्ष से जाकर बनाना पड़ा है। कुछ में घाटियां तो कुछ में कई शहर बस गए हैं। पृथ्वी पर अब 190 क्रेटर्स जानकारी में आए हैं। जिन्हें वैज्ञानिक उम्र के आधार पर बांट चुके हैं।

AajTak : Apr 30, 2020, 10:47 AM
अमेरिका: एस्टेरॉयड 1998 OR2, 29 अप्रैल यानी बुधवार को धरती के बगल से गुजर गया। लेकिन धरती पर कई एस्टेरॉयड्स टकराए भी हैं, छो़टे-बड़े आकार के। इनकी वजह से धरती पर कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए, जिन्हें क्रेटर कहते हैं। कुछ तो इतने बड़े हैं कि उनका नक्शा अंतरिक्ष से जाकर बनाना पड़ा है। कुछ में घाटियां तो कुछ में कई शहर बस गए हैं। पृथ्वी पर अब 190 क्रेटर्स जानकारी में आए हैं। जिन्हें वैज्ञानिक उम्र के आधार पर बांट चुके हैं।

ऐसा ही एक क्रेटर भारत के महाराष्ट्र में भी है। बुलढाणा जिले में मौजूद इस क्रेटर को लोनार क्रेटर कहते हैं। लोनार क्रेटर 1।13 वर्ग किलोमीर क्षेत्रफल में फैला है और 490 फीट गहरा है। इसका व्यास करीब 1।80 किलोमीटर का है। अब यहां पर एक झील है। माना जाता है कि यह 5।70 लाख साल पुराना है। लेकिन इससे पुराने क्रेटर भी हैं धरती पर।।।आइए जानते हैं दुनिया के सबसे बड़े क्रेटर्स के बारे में जो एस्टेरॉयड के टकराने से बने।

दक्षिण अफ्रीका के फ्री स्टेट में मौजूद यह क्रेटर करीब 200 करोड़ साल पुराना है। यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रेटर है। इसका व्यास करीब 380 किलोमीटर का है। यूनेस्को ने इसे 2005 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया था।

मेक्सिको के यूकाटन में स्थित यह क्रेटर आकार के मामले में दूसरे नंबर पर है। इस गड्ढे का व्यास करीब 300 किलोमीटर है। इस क्रेटर को ही डायनासोर के अंत का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसकी उम्र करीब 6।50 करोड़ साल है।

कनाडा के ओंटारियो में स्थित सडबरी बेसिन 180 करोड़ साल पुराना गड्ढा है। इसका व्यास 130 किलोमीटर है। इसे क्रेटर कहना गुनाह होगा। क्योंकि यह पूरी की पूरी घाटी बन चुका है। यह भी दुनिया के सबसे पुराने क्रेटर्स में से एक है।रूस के सर्बिया इलाके में बने इस क्रेटर का व्यास 120 किलोमीटर है। इसके अंदर हीरों की खदान है। यहां दुनिया का सबसे बड़ा हीरों का भंडार है। यह करीब 3।57 करोड़ साल पहले बना था।कनाडा के क्यूबेक में स्थित यह क्रेटर अब बड़ी झील में बदल गया है। यह दुनिया का सबसे ज्यादा संरक्षित क्रेटर है। साथ ही पुराना भी। इसकी उम्र 21।5 करोड़ साल बताई जाती है। इसका व्यास 100 किलोमीटर है।