Coronavirus / हर्ड इम्यूनिटी की कोशिश से बहुत बड़े पैमाने पर मौतें होंगी- फाउची

अमेरिका के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ डॉ। एंथनी फाउची ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी खत्म करने के लिए अगर हर्ड इम्यूनिटी के लिए कोशिश की जाती है तो बहुत बड़े पैमाने पर मौतें होंगी। उन्होंने कहा कि अगर हर कोई कोरोना से संक्रमित हो जाए और ऐसे लोगों का परसेंटेज काफी रहे जो बिना लक्षण के बीमार हों, तब भी काफी अधिक लोगों की मौतें होंगी।

AajTak : Aug 18, 2020, 07:43 AM
अमेरिका के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ डॉ। एंथनी फाउची ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी खत्म करने के लिए अगर हर्ड इम्यूनिटी के लिए कोशिश की जाती है तो बहुत बड़े पैमाने पर मौतें होंगी। उन्होंने कहा कि अगर हर कोई कोरोना से संक्रमित हो जाए और ऐसे लोगों का परसेंटेज काफी रहे जो बिना लक्षण के बीमार हों, तब भी काफी अधिक लोगों की मौतें होंगी।

फाउची ने कहा कि पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए कोरोना वायरस काफी खतरनाक साबित होता है। मोटापा, हाइपरटेंशन या डाटबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए कोरोना काफी खतरनाक होता है। इसकी वजह से भी हर्ड इम्यूनिटी हासिल करना और खतरनाक साबित हो सकता है।

हर्ड इम्यूनिटी वैसी स्थिति को कहते हैं जब आबादी में इतने अधिक लोग संक्रमित हो जाएं कि वायरस का फैलना रुक जाए। यह इम्यूनिटी दो तरह से हासिल की जा सकती है, एक कि लोगों को वैक्सीन लगाई जाए। दूसरा, लोगों को खुद ही संक्रमित होकर ठीक होने दिया जाए।

ऐसा आकलन किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के मामले में हर्ड इम्यूनिटी के लिए 60 से 70 फीसदी आबादी के संक्रमित होने की जरूरत होगी। इससे पहले एक्सपर्ट्स ने ये चिंता भी जाहिर की थी कि कोरोना से ठीक होने वाले लोग कितने दिन तक वायरस से सुरक्षित रहते हैं, इसको लेकर फिलहाल पर्याप्त डेटा मौजूद नहीं है।

जेएचबी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के महामारी विशेषज्ञ डॉ। डेविड डॉडी ने कहा कि अगर कोरोना की नेचुरल इम्यूनिटी 3 से 6 महीने में खत्म हो जाती है तो हमें हर्ड इम्यूनिटी के बारे में बात भी नहीं करना चाहिए।