अमेरिका / हम डेल्टा कोविड-19 वैरिएंट को अमेरिका में हावी नहीं होने दे सकते: एंथनी फाउची

अमेरिका के शीर्ष मेडिकल सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची ने सर्वप्रथम भारत में मिले डेल्टा कोविड-19 वैरिएंट को लेकर चेतावनी देते हुए कहा है कि ये अमेरिका में नए मामलों के 6% से अधिक के लिए ज़िम्मेदार है। बकौल फाउची, "इंग्लैंड में बी.1.1.7 (अल्फा वैरिएंट) अधिक प्रभावी था जिसके बाद (डेल्टा) हावी हो गया...हम अमेरिका में ऐसा नहीं होने दे सकते।"

Vikrant Shekhawat : Jun 10, 2021, 08:59 AM
वॉशिंगटन: अमेरिका के टॉप डॉक्टर और राष्ट्रपति जो बाइडेन के चीफ मेडिकल अडवाइजर ऐंथनी फाउची का कहना है कि अगर देश में लोग पूरी तरह वैक्सिनेटेड नहीं हुए, तो कोरोना वायरस का डेल्टा वेरियंट यहां भारी पड़ सकता है। फाउची ने कहा है कि ब्रिटेन में डेल्टा वेरियंट तेजी से फैल रहा है और सबसे ज्यादा संक्रामक साबित हो रहा है। इसने अल्फा वेरियंट की जगह ले ली है। 'डेल्टा' भारत में मिले कोरोना वायरस वेरियंट को नाम दिया गया है।

फाउची का कहना है कि अमेरिका में ऐसा नहीं होने दिया जा सकता है। अमेरिका में डेल्टा वेरियंट के 6% मामले मिले हैं और ब्रिटेन में 60%। फाउची का कहना है कि हर टेस्ट को सीक्वेंस नहीं किया जाता है, इसलिए यह संख्या और ज्यादा होने की आशंका है। ब्रिटेन में ज्यादातर 12-22 साल के उम्र के लोग इसके शिकार हो रहे हैं।

दोनों खुराकें जरूर लें

फाउची ने अमेरिका के लोगों से अपील की है कि इससे बचने के लिए वैक्सीन लगवाएं। उन्होंने बताया है कि पहली डोज लेने के बाद दूसरी डोज जरूर लें। अभी अमेरिका में ब्रिटेन में पाया जाने वाला अल्फा वेरियंट फैला है। डेल्टा वेरियंट कम से कम 60 देशों में फैल चुका है और इसमें ज्यादा म्यूटेशन हैं। यह ऐंटीबॉडी रिस्पॉन्स से बच सकता है। ऐसे में एक डोज से ज्यादा सुरक्षा की संभावना कम है।

Pfizer की वैक्सीन कम असरदार?

वहीं, प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल 'द लैंसेट' में प्रकाशित हालिया रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, Pfizer की वैक्सीन भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट B.1.617.2 के खिलाफ कम असरदार पाई गई है। भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के इतने खतरनाक होने के पीछे डेल्टा वेरिएंट को ही जिम्मेदार माना जाता है।