Vikrant Shekhawat : Mar 16, 2022, 06:02 PM
रूस (Russia) ने भारत (India) को सस्ते दामों में तेल बेचने का जबरदस्त ऑफर दिया है. भारत इस ऑफर पर गहन चिंतन कर रहा है. रूस से भारत के अच्छे संबंधों के चलते भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) को लेकर यूएन (UN) में रूस के खिलाफ वोटिंग में पार्टिसिपेट नहीं किया था.'प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं'यूएस (US) ने इस स्थिति में अपना रिएक्शन दिया है. यूएस के मुताबिक रूस के ऑफर को स्वीकारने से भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन (Violation of Sanctions) नहीं करेगा. लेकिन रूसी तेल की ये डील नई दिल्ली को इतिहास के गलत पक्ष पर खड़ा कर सकती है. क्योंकि ये कदम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र (Democracy) पर एक बड़ा संकट हो सकता है.अमेरिका ने लगाए प्रतिबंधअमेरिका (America) ने रूस के एनेर्जी इंपोर्ट्स (Energy Imports) पर प्रतिबंध लगाया है. बता दें कि अमेरिका के इस प्रतिबंध का मोटिव सीधे तौर पर रूस की अर्थव्यवस्था (Russia's Economy) पर गहरी चोट पहुंचाना और यूक्रेन (Ukraine) का इंडायरेक्टली साथ देना है. अमेरिका समेत कई देशों ने रूस (Russia) पर इस तरह के प्रतिबंध लगाए हैं.भारत का न्यूट्रल स्टैंडभारत (India) के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ ही अच्छे व्यापारिक संबंध हैं, जिसके कारण भारत किसी भी एक पक्ष को चुनने से परहेज कर रहा है. भारत ने सीधे तौर पर ना तो रूस (Russia) के खिलाफ कुछ कहा है और ना ही यूक्रेन (Ukraine) के पक्ष में अपनी कोई राय दी है. ऐसे में भारत को रूस का ऑफर स्वीकारने से पहले सभी मुद्दों पर अच्छे से विचार-विमर्श करना होगा.'भारत रूस से खुद को दूर रखने की करे कोशिश'हाल ही में कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने भारत (India) से अपील की है कि भारत खुद को रूस से दूर रखने की कोशिश करे. बता दें कि पिछले हफ्ते ही इस बात की जानकारी मिली थी कि रूस (Russia) भारत में अपने तेल और पेट्रोलियम प्रोडक्ट एक्सपोर्ट को बढ़ाना चाहता है.