मेरठ / अयोध्या केस: हिंदू-मुस्लिम संगठनों के प्रमुख नेताओं के मोबाइल पर नजर

अयोध्या प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले हिन्दू-मुस्लिम संगठनों में हलचल तेज हो गई है। गोपनीय बैठकें हो रही हैं। माहौल भांपने के लिए पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने इन संगठनों के प्रमुख नेताओं के मोबाइल नंबरों पर नजरें गढ़ा दी हैं। वे क्या बातचीत कर रहे हैं, इस पर नजर रखी जा रही है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे पहले ही अयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद।

Ayodhya Case | अयोध्या प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले हिन्दू-मुस्लिम संगठनों में हलचल तेज हो गई है। गोपनीय बैठकें हो रही हैं। माहौल भांपने के लिए पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने इन संगठनों के प्रमुख नेताओं के मोबाइल नंबरों पर नजरें गढ़ा दी हैं। वे क्या बातचीत कर रहे हैं, इस पर नजर रखी जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे पहले ही अयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है। प्रदेशभर में दोनों संप्रदाय के धर्मगुरुओं सहित प्रमुख संगठनों की बैठकों का दौर चल रहा है। पुलिस और प्रशासन के अफसर शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद की जा रही है। सब उपाय किए जा रहे हैं, ताकि शांति-सद्भाव बना रहे। फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी हरिद्वार में होने वाला अधिवेशन रद कर दिया है।

आरएसएस ही नहीं, दूसरे संगठनों में भी फैसले को लेकर हलचल तेज है। देशभर के तमाम हिन्दू-मुस्लिम संगठनों सहित आवाम की निगाह इस फैसले पर है। सूत्रों ने बताया, कुछ संगठनों ने इस फैसले को लेकर गोपनीय बैठक कर चर्चाएं करना शुरू कर दिया है। इन चर्चाओं पर नजर रखने के लिए पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने प्रमुख नेताओं और पदाधिकारियों के मोबाइल नंबरों को जांच के दायरे में लिया है।

काशी में शांति बनाए रखने की अपील

पुलिस-प्रशासन ने शनिवार को परतापुर के काशी गांव में बैठक की। इसमें दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की गई। वहीं माधवपुरम व्यापार संघ की बैठक तरंग चैंबर में हुई। इसमें कोषाध्यक्ष अरुण तिवारी ने लोगों को संबोधित किया और शांति बनाए रखने की अपील की। गांव लिसाड़ी में भी शांति समिति की बैठक की गई।