JEE Advanced 2025: जेईई एडवांस 2025 की पात्रता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने उन छात्रों के पक्ष में फैसला दिया जिन्होंने अपनी तैयारी और दाखिला योजनाओं को संयुक्त प्रवेश बोर्ड (JAB) की प्रारंभिक अधिसूचना के आधार पर बदला था। कोर्ट ने आदेश दिया कि 5 नवंबर से 18 नवंबर 2024 के बीच कॉलेज छोड़ने वाले छात्रों को तीन बार जेईई एडवांस देने की अनुमति दी जाएगी। यह याचिका 22 छात्रों की ओर से दायर की गई थी।
पात्रता में बदलाव पर विवाद
संयुक्त प्रवेश बोर्ड ने 5 नवंबर 2023 को एक अधिसूचना जारी कर घोषणा की थी कि 2023, 2024 और 2025 में कक्षा 12वीं की परीक्षा पास करने वाले छात्र जेईई एडवांस परीक्षा देने के पात्र होंगे। हालांकि, 13 दिन बाद बोर्ड ने पात्रता मानदंड में बदलाव करते हुए इसे केवल 2024 और 2025 बैच के छात्रों तक सीमित कर दिया। इस बदलाव के कारण कई छात्रों ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
छात्रों का दावा: पात्रता के बदलाव से हुआ नुकसान
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उन्होंने 2023 में कक्षा 12वीं की परीक्षा पास कर ली थी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला भी ले लिया था। लेकिन जब जेईई एडवांस में बैठने के प्रयासों की संख्या दो से बढ़ाकर तीन कर दी गई, तो उन्होंने जेईई एडवांस 2025 की तैयारी शुरू कर दी।छात्रों ने अपनी तैयारी के लिए जेईई मेन 2025 का आवेदन पत्र शुल्क, कोचिंग कक्षाओं का शुल्क, टेस्ट सीरीज, अध्ययन सामग्री और अन्य प्रारंभिक पाठ्यक्रमों पर पैसे खर्च किए। ऐसे में पात्रता नियमों में अचानक किए गए बदलाव ने उनकी योजनाओं को नुकसान पहुंचाया।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: छात्रों को राहत
जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ए जी मसीह की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिन छात्रों ने यह सोचकर कॉलेज छोड़ दिया था कि वे तीन बार जेईई एडवांस परीक्षा में बैठ सकते हैं, उन्हें अब इस अवसर से वंचित नहीं किया जा सकता।पीठ ने कहा कि यह बदलाव छात्रों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने अपने करियर के महत्वपूर्ण निर्णय संयुक्त प्रवेश बोर्ड की अधिसूचना पर भरोसा करते हुए लिए थे। कोर्ट ने संयुक्त प्रवेश बोर्ड को निर्देश दिया कि वे 5 नवंबर से 18 नवंबर 2024 के बीच पाठ्यक्रम छोड़ने वाले छात्रों को जेईई एडवांस 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति दें।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश दलीलें
याचिकाकर्ताओं के वकील संजीत कुमार त्रिवेदी ने कोर्ट को बताया कि पात्रता नियमों में किए गए बदलाव छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।वकील ने कहा कि जेईई एडवांस की तैयारी में छात्रों ने न केवल आर्थिक रूप से निवेश किया है, बल्कि उन्होंने अपने करियर की दिशा भी बदली है। ऐसे में पात्रता नियमों को वापस बदलने से उन छात्रों को बड़ा नुकसान होगा जिन्होंने इस परीक्षा के लिए अपना समय और संसाधन समर्पित किया है।
कोर्ट के आदेश का प्रभाव
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर उन सभी छात्रों पर पड़ेगा जो 2023 में अपनी कक्षा 12वीं की परीक्षा पास कर चुके हैं और नवंबर 2024 तक अपने कॉलेज छोड़ चुके हैं।यह फैसला यह भी सुनिश्चित करता है कि भविष्य में संयुक्त प्रवेश बोर्ड किसी भी अधिसूचना को जारी करने से पहले छात्रों के हितों को ध्यान में रखे। कोर्ट के इस फैसले ने छात्रों को एक बड़ी राहत दी है और उन्हें जेईई एडवांस 2025 में अपनी किस्मत आजमाने का एक और मौका प्रदान किया है।