Vikrant Shekhawat : Oct 13, 2023, 11:48 AM
Ayodhya Babri Masjid: बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जोरों पर है. अगले साल मंदिर का उद्घाटन भी हो सकता है. इस बीच अयोध्या में बनाई जाने वाली मस्जिद का काम भी शुरू होने वाला है. इसका रंग-रूप बदल चुका है. सरकार से डिजाइन पास नहीं होने पर वक्फ बोर्ड को मस्जिद का डिजाइन बदलना पड़ा. इसकी प्लानिंग अंतिम चरण में है और निर्माण कार्य शुरू किया जाना है. मस्जिद का नाम भी तय कर लिया गया है. समझें कैसी होगी अयोध्या की मस्जिद और क्या होगी सुविधाएं.अयोध्या के धन्नीपुर गांव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिए आवंटित की गई थी. इसके बाद से ही मस्जिद के निर्माण और इसके रंग रूप पर बहस चल रही थी. अब मस्जिद का डिजाइन तैयार है और मुंबई के रंगशारदा ऑडिटोरियम में इसके रंग-रूप की एक झलक दिखाई गई है. मस्जिद के अलावा धन्नीपुर में कैंसर अस्पताल, गर्भवती महिलाओं के लिए अस्पताल, शिक्षण संस्थान, लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं के साथ-साथ भव्य मस्जिद का निर्माण कराया जाना है.11 एकड़ जमीन में बनेगी मस्जिद, अस्पताल, शिक्षण संस्थानमस्जिद निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवंटित पांच एकड़ जमीन के अलावा वक्फ को छह एकड़ और जमीन की जरूरत है. इसके लिए वक्फ बोर्ड और भी जमीन अधिग्रहण करने की कोशिशों में जुटा है. 11 एकड़ जमीन के साथ मस्जिद का भव्य निर्माण किया जाएगा. मस्जिद में एक साथ नौ हजार लोग नमाज अदा कर सकेंगे. देश की सबसे आकर्षक और तमाम जरूरी सुविधाएं दी जाएगी. महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग वजू खाना बनाए जाएंगे. फिश एकवारियम भी बनाया जाना है.तीन-चार साल में पूरा होगा मस्जिद निर्माण का काममुंबई में बीजेपी नेता और महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हाजी अराफात ने अपनी तरफ से मस्जिद निर्माण कार्य के लिए पहली ईंट दी. उन्होंने कहा कि मस्जिद निर्माण के लिए फंडिंग मुस्लिम समुदाय से इकट्ठा की जाएगी. अगले तीन से चार वर्षों में इसका निर्माण कार्य भी पूरा किया जाएगा. मस्जिद निर्माण बोर्ड में शामिल लोगों का कहना है कि सरकार से जो सहूलियत चाहिए वो मिलेगी. वे सरकार से इसकी मांग भी करने वाले हैं.पैगंबर मोहम्मद के नाम पर होगा मस्जिद का नाममस्जिद का नाम आखिरी पैगंबर मोहम्मद के नाम पर रखा गया है. मस्जिद का पूरा नाम ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्ला’ होगा. पैगंबर मोहम्मद के पिता का नाम अब्दुल्ला था. आपको बता दें कि ‘बिन’ एक अरबी शब्द है और इसका मतलब बेटा होता है. सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारुखी ने बताया कि ये सच है कि मंदिर की तरह तेजी से मस्जिद का निर्माण नहीं हो पा रहा है. बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि उसकी जिम्मेदारी हमारी है. हमने एक डिजाइन बनाकर सरकार को दी थी लेकिन वो पास नहीं हुई. अब मस्जिद का दूसरा डिजाइन पेश किया गया है.देश के ‘हार्ट’ में बनेगी मस्जिदआर्किटेक्ट की मानें तो जो जगह सरकार ने मस्जिद के लिए दी है वो भारत के मैप में एक हार्ट का स्थान रखता है. भारत के नक्शे को इंसानी स्वरूप में समझें तो वो जमीन दिल की जगह आता है जो कि बेहद नेक और पवित्र है. मस्जिद के आर्किटेक्ट इमरान शेख ने बताया कि यह अपने आप में बेहद खास है.