Vikrant Shekhawat : Dec 30, 2020, 05:20 PM
देश की प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी है रिलायंस ग्रुप। इसकी स्थापना धीरूभाई अंबानी ने की थी, लेकिन अब यह कंपनी विवादों में रहने लगी है। दरअसल, धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद उनके दोनों बेटों (मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी) ने रिलायंस की बागडोर संभाली, लेकिन कुछ सालों में कंपनी का बंटवारा हो गया। बंटवारे के बाद मुकेश अंबानी अपने छोटे भाई अनिल अंबानी से आगे निकल गए। अब हालात यह हैं कि बड़े भाई को भारत सरकार की नीतियों के कारण किसान आंदोलन में विरोध झेलना पड़ रहा है और छोटा भाई अनिल पहले ही खुद को दिवालिया घोषित कर चुके हैं।
आज अनिल अंबानी एक बार फिर चर्चा में है और वह भी कर्ज के कारण। दरअसल, अंग्रेजी वेबसाइड बिजनेस इनसाइडर डॉट इन (www.businessinsider.in) की रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल अंबानी की तीन कंपनियों पर कथित तौर पर बैंको से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। वहीं, कर्ज की राशि भी माल्या ने जितना कर्ज लिया था, उससे लगभग दस गुना अधिक है। यह लोन एमाउंट 86,188 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इतना ही नहीं, ट्विटर पर इसी वजह से अनिल अंबानी ट्रेड में है। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अनिल अंबानी की तीन कंपनियों ने क्रमशः स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक से कर्ज लिया और वह लौटाया नहीं।
अब बैंक अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस ग्रुप इकाइयां, जिनमें रिलायंस कम्यूनिकेशन, रिलायंस इंफ्राटेल और रिलायंस टेलीकाम शामिल हैं, पर कानून कार्रवाई की तैयारी कर रही हैं। वहीं, सोशल मीडिया में सुचेता दलाल, जिन्होंने हर्षद मेहता स्कैम का खुलासा किया था। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर एक सवाल लिखा है कि क्या कोई अनुमान लगा सकता है कि भारत का सबसे बड़ा कॉरपोरेट डिफॉल्टर कौन है? और उसके खिलाफ सरकार की तरफ से कोई एक्शन भी नहीं लिया गया है।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, देश के कई बड़े बैंकों ने रिलायंस कम्यूनिकेशन के बैंक अकाउंट को फ्राड करार दिया है। इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं।
आज अनिल अंबानी एक बार फिर चर्चा में है और वह भी कर्ज के कारण। दरअसल, अंग्रेजी वेबसाइड बिजनेस इनसाइडर डॉट इन (www.businessinsider.in) की रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल अंबानी की तीन कंपनियों पर कथित तौर पर बैंको से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। वहीं, कर्ज की राशि भी माल्या ने जितना कर्ज लिया था, उससे लगभग दस गुना अधिक है। यह लोन एमाउंट 86,188 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इतना ही नहीं, ट्विटर पर इसी वजह से अनिल अंबानी ट्रेड में है। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अनिल अंबानी की तीन कंपनियों ने क्रमशः स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक से कर्ज लिया और वह लौटाया नहीं।
अब बैंक अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस ग्रुप इकाइयां, जिनमें रिलायंस कम्यूनिकेशन, रिलायंस इंफ्राटेल और रिलायंस टेलीकाम शामिल हैं, पर कानून कार्रवाई की तैयारी कर रही हैं। वहीं, सोशल मीडिया में सुचेता दलाल, जिन्होंने हर्षद मेहता स्कैम का खुलासा किया था। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर एक सवाल लिखा है कि क्या कोई अनुमान लगा सकता है कि भारत का सबसे बड़ा कॉरपोरेट डिफॉल्टर कौन है? और उसके खिलाफ सरकार की तरफ से कोई एक्शन भी नहीं लिया गया है।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, देश के कई बड़े बैंकों ने रिलायंस कम्यूनिकेशन के बैंक अकाउंट को फ्राड करार दिया है। इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं।