दुनिया / धरती की ओर अंतरिक्ष से आ रही बड़ी आफत, बस कुछ घंटे बाकी...

अंतरिक्ष की गहराइयों से धरती की ओर एक बहुत बड़ा उल्कापिंड आ रहा है। इस उल्कापिंड की गति इतनी ज्यादा है कि अगर धरती पर गिरे तो कई किलोमीटर तक तबाही मचा सकता है। अगर समुद्र में गिरेगा तो बड़ी सुनामी पैदा कर सकता है। इसके धरती की तरफ आने में बस कुछ ही घंटे बाकी हैं। इस उल्कापिंड की गति 13 किलोमीटर प्रति सेकेंड है। यानी करीब 46,500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार।

AajTak : Jun 24, 2020, 08:14 AM
अंतरिक्ष की गहराइयों से धरती की ओर एक बहुत बड़ा उल्कापिंड आ रहा है। इस उल्कापिंड की गति इतनी ज्यादा है कि अगर धरती पर गिरे तो कई किलोमीटर तक तबाही मचा सकता है। अगर समुद्र में गिरेगा तो बड़ी सुनामी पैदा कर सकता है। इसके धरती की तरफ आने में बस कुछ ही घंटे बाकी हैं।

इस उल्कापिंड (Asteroid) की गति 13 किलोमीटर प्रति सेकेंड है। यानी करीब 46,500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार। यह उल्कापिंड दिल्ली के कुतुबमीनार से चार गुना और अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से तीन गुना बड़ा है। 

इस एस्टेरॉयड का नाम है 2010एनवाई65 है। यह 1017 फीट लंबा है। यानी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से करीब तीन गुना और कुतुबमीनार से चार गुना बड़ा है। स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी 310 फीट और कुतुबमीनार 240 फीट लंबा है। 

यह एस्टेरॉयड 46,500 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से धरती की तरफ आ रहा है। यह एस्टेरॉयड आज यानी 24 जून 2020 की दोपहर 12।15 बजे पृथ्वी के करीब से गुजरेगा।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अनुमान है कि यह धरती से करीब 37 लाख किलोमीटर दूर से निकलेगा। लेकिन अंतरिक्ष विज्ञान में इस दूरी को ज्यादा नहीं माना जाता। हालांकि, धरती को इस उल्कापिंड से कोई खतरा नहीं है।  

नासा के वैज्ञानिक उन सभी एस्टेरॉयड्स को धरती के लिए खतरा मानते हैं जो धरती से 75 लाख किलोमीटर की दूरी के अंदर निकलते हैं। इन तेज रफ्तार गुजरने वाले खगोलीय पिंडों को नीयर अर्थ ऑबजेक्टस (NEO) कहते हैं। 

सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले छोटे-छोटे खगोलीय पिंडों को एस्टेरॉयड या क्षुद्रग्रह कहते हैं। ये मुख्य तौर पर मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच मौजूद एस्टेरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं। कई बार इनसे धरती को नुकसान भी होता है। 

जून में एस्टेरॉयड गुजरने की यह तीसरी घटना है। पहला एस्टेरॉयड 6 जून को धरती के बगल से गुजरा था। यह 570 मीटर व्यास का था। यह धरती के बगल से 40,140 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से गुजरा था। इसका नाम 2002एनएन4 था। 

इसके बाद 8 जून के एस्टेरॉयड 2013एक्स22 एस्टेरॉयड धरती के करीब से गुजरा था। इसकी गति 24,050 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। यह धरती से करीब 30 लाख किलोमीटर दूर से निकला था। 

आपको बता दें कि 2013 में चेल्याबिंस्क एस्टेरॉयड रूस में गिरा था। इसके गिरने से 1 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हजारों घरों की खिड़कियां और दरवाजे टूट गए थे।