- भारत,
- 25-Mar-2025 11:40 AM IST
Google Tax Removal: मोदी सरकार ने अमेरिका को खुश करने के लिए फाइनेंस बिल 2025 में संशोधन करने की तैयारी कर ली है। भारत सरकार 1 अप्रैल से डिजिटल एड्स से पैसा कमाने वाली ग्लोबल कंपनियों से गूगल टैक्स हटाने वाली है। टैक्स का बोझ कम होने से Google और Meta जैसी कंपनियों को बड़ी राहत मिली है।
इस संशोधन में सबसे बड़ी खबर यह है कि 6% Equalisation Levy को हटा दिया गया है, जिसका सीधा फायदा इन कंपनियों को होने वाला है। आइए, समझते हैं कि यह संशोधन क्या है, यह इतना जरूरी क्यों है, और इससे डिजिटल कंपनियों को कैसे लाभ मिलेगा।Equalisation Levy क्या था? Equalisation Levy एक तरह का टैक्स था, जिसे भारत सरकार ने 2016 में पेश किया था। यह टैक्स विदेशी डिजिटल कंपनियों पर लगाया जाता था, जो भारतीय यूजर्स को डिजिटल सर्विसेस (जैसे एड्स, ऑनलाइन शॉपिंग, क्लाउड सर्विसेस) ऑफर करती थीं। इसका मुख्य उद्देश्य यह था कि इन कंपनियों पर उसी तरह टैक्स लगाया जाए जैसे भारतीय कंपनियों पर लोकल लेवल पर लगाया जाता है।6% Equalisation Levy के जरिए विदेशी कंपनियां, जैसे Google, Meta, और Amazon, भारतीय एडवर्टाइजर्स से डिजिटल एड्स के जरिए जो पैसा कमाती थीं, उस पर यह टैक्स लगाया जाता था। इसे लागू करने का मुख्य कारण यह था कि इन कंपनियों को भारतीय टैक्स सिस्टम के दायरे में लाया जाए और उनके भारतीय कारोबार पर उचित टैक्स लगाया जाए।कैसे होगा इन कंपनियों को फायदा? इस संशोधन के बाद, इन कंपनियों को अब भारत में अपनी डिजिटल सर्विसेस से होने वाली इनकम पर कम टैक्स देना होगा। इससे उनका कुल टैक्स बिल कम होगा और वे अपनी इनकम का बड़ा हिस्सा अपने इन्वेस्टमेंट या ग्रोथ के लिए इस्तेमाल कर सकेंगी।- टैक्स की कमी से इन कंपनियों को अपने भारतीय ऑपरेशंस को और बढ़ाने का अवसर मिलेगा। वे अब अपनी सर्विसेस की कीमतों में अधिक लचीलापन ला सकती हैं और भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर सकती हैं।
- पहले Equalisation Levy के कारण विदेशी कंपनियों को कुछ हद तक नुकसान होता था, जिससे लोकल कंपनियों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलता था। अब जब टैक्स में कमी की गई है, तो विदेशी कंपनियां अपनी सर्विसेस को बेहतर तरीके से पेश कर पाएंगी। यह भारतीय डिजिटल मार्केट के लिए एक बड़ा बदलाव हो सकता है।
- इन कंपनियों का भारतीय बाजार में निवेश बढ़ सकता है। इससे डिजिटल एड्स, ई-कॉमर्स, और अन्य सेक्टर्स में अधिक निवेश और ग्रोथ देखने को मिल सकती है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।