Google Agi Competition / L&T चेयरमैन के बाद अब Google ने अपने कर्मचारियों को दी नसीहत, 60 घंटे करें काम

गूगल AGI कंपटीशन में पीछे नहीं रहना चाहता। को-फाउंडर सर्गी ब्रिन ने कर्मचारियों को 60 घंटे काम करने और रोज़ ऑफिस आने की सलाह दी है। गूगल Gemini AI पर फोकस कर रहा है। AGI रेस तेज़ हो गई है, और टेक कंपनियां हाइब्रिड वर्क से पीछे हट रही हैं।

Google Agi Competition: आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) के क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच गूगल किसी भी सूरत में पीछे नहीं रहना चाहता। इस दबाव को देखते हुए कंपनी के को-फाउंडर सर्गी ब्रिन ने अपने कर्मचारियों को अधिक मेहनत करने की नसीहत दी है। एक इंटरनल मेमो में उन्होंने कर्मचारियों को हर हफ्ते 60 घंटे काम करने और नियमित रूप से ऑफिस आने की सलाह दी है। उनका मानना है कि यदि कर्मचारी पहले से अधिक मेहनत करेंगे, तो गूगल AI की इस रेस में शीर्ष स्थान हासिल कर सकता है।

गूगल की आक्रामक रणनीति

ब्रिन ने स्पष्ट किया कि गूगल की AGI डेवलपमेंट टीम वर्तमान में Gemini AI पर काम कर रही है, जो AI क्षेत्र में गेम-चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि वे अपना उत्पादन (प्रोडक्टिविटी) बढ़ाएं और हर कार्यदिवस (वर्किंग डे) पर ऑफिस आएं। उन्होंने आगाह किया कि अगर कर्मचारी 60 घंटे से अधिक काम करेंगे, तो बर्नआउट का खतरा बढ़ सकता है।

तकनीकी जगत में लंबी वर्किंग आवर्स की प्रवृत्ति

ब्रिन की यह नीति उस ट्रेंड को दर्शाती है, जिसमें बड़े टेक दिग्गज अपने कर्मचारियों से अधिक काम की अपेक्षा कर रहे हैं। इससे पहले इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने कहा था कि उन्होंने 40 सालों तक हर हफ्ते 70 घंटे से अधिक काम किया। इसी संदर्भ में एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन ने भी 90 घंटे तक काम करने की वकालत की थी। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर खूब बहस भी हुई थी। अब गूगल ने भी अपने कर्मचारियों को 60 घंटे काम करने की सलाह देकर इस ट्रेंड को और आगे बढ़ाया है।

हाइब्रिड वर्क पॉलिसी से पीछे हटती टेक कंपनियां

ब्रिन के इस फैसले से यह संकेत मिलता है कि टेक कंपनियां हाइब्रिड वर्क पॉलिसी से धीरे-धीरे पीछे हट रही हैं। महामारी के बाद कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को रिमोट वर्क की सुविधा दी थी, लेकिन अब ये कंपनियां कर्मचारियों को फुल-टाइम ऑफिस बुलाने की रणनीति अपना रही हैं।

AGI की रेस में आगे बढ़ने की कोशिश

2022 में चैटजीपीटी के लॉन्च के बाद से ही AI इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है। माइक्रोसॉफ्ट, ओपनएआई और मेटा जैसी कंपनियां भी AGI की रेस में जोर-शोर से शामिल हैं। इस दौड़ में खुद को सबसे आगे बनाए रखने के लिए गूगल हर संभव प्रयास कर रहा है। ब्रिन का मानना है कि अगर कर्मचारी अतिरिक्त प्रयास करेंगे, तो गूगल AI क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित कर सकता है।

निष्कर्ष

गूगल की नई कार्य नीति से स्पष्ट है कि AI की दौड़ में बने रहने के लिए टेक कंपनियां अपने कर्मचारियों से अधिक समय देने की अपेक्षा कर रही हैं। हालांकि, इस तरह के वर्क कल्चर पर बहस भी जारी है, क्योंकि लंबे कार्य घंटों से कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गूगल की यह रणनीति उसे AGI की दौड़ में आगे ले जाने में कितनी कारगर साबित होती है।