AMAR UJALA : Jun 14, 2020, 08:20 AM
दिल्ली: कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना-पीएमएवाई (जी) ने एक अवसर में बदल दिया है। लॉकडाउन के रिकॉर्ड समय में मंत्रालय ने साढ़े तीन लाख ग्रामीण घर बना डाले हैं। लॉकडाउन लगते ही मंत्रालय ने दूरदर्शिता से काम करते हुए राज्य सरकारों की मदद से प्रवासी मजदूरों के कुशलता डेटा के जरिए श्रमिकों से प्रशिक्षण से लेकर मिस्त्री और मजदूर तक का काम लेना शुरू कर दिया है। नतीजतन 20 अप्रैल से शुरू हुए आवासों के काम में शनिवार तक हर दिन औसतन 12 से 13 हजार तक घर बनाए जा रहे हैं।
ग्रामीण योजना को प्रभावी बनाने में आ रही श्रमिकों और सामानों की दिक्कत को दूर कर मंत्रालय जोर-शोर से मार्च 2021 तक एक करोड़ 21 लाख घर को लक्ष्य को पाने के में जुट गया है। इसमें अब तक 22 लाख घर बन गए हैं। 48 लाख घरों के लिए तीसरी किश्त जारी कर दी गई है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में मार्च 2022 तक दो करोड़ 21 लाख घर बनने थे। ग्रामीण आवास योजना के लिए केंद्र सरकार ने इस साल मंत्रालय को 19 हजार पांच सौ करोड़ का बजट आवंटित किया था।
ग्रामीण योजना को प्रभावी बनाने में आ रही श्रमिकों और सामानों की दिक्कत को दूर कर मंत्रालय जोर-शोर से मार्च 2021 तक एक करोड़ 21 लाख घर को लक्ष्य को पाने के में जुट गया है। इसमें अब तक 22 लाख घर बन गए हैं। 48 लाख घरों के लिए तीसरी किश्त जारी कर दी गई है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में मार्च 2022 तक दो करोड़ 21 लाख घर बनने थे। ग्रामीण आवास योजना के लिए केंद्र सरकार ने इस साल मंत्रालय को 19 हजार पांच सौ करोड़ का बजट आवंटित किया था।