Vikrant Shekhawat : Apr 13, 2021, 04:30 PM
लंडन: बिटक्वाइन ने रिकॉर्ड स्तर 62000 डॉलर को पार कर गया है। पिछले कुछ दिनों से क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में बड़ा उछाल देखने को मिला है। अपने सभी पुराने रिकाॅर्ड तोड़ते हुए बिटक्वाइन की ताजा कीमतें 62,000 डाॅलर के पार पहुंच गई है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के पिछले दिनों 1.9 ट्रिलियन डॉलर की मदद के आदेश के बाद से ही बाजार में तेजी देखी जा रही है। और इसका असर बिटक्वाइन पर भी दिख रहा है। हालांकि कई एक्सपर्ट का मानना है कि यह तेजी सिर्फ कुछ ही समय के लिए है।साथ ही बीच में एक ऐसा समय आया था जब क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में अचानक गिरावट आने लगी थी। पिछले एक साल के दौरान बिटक्वाइन की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। जहां एक साल पहले एक बिटक्वाइन की कीमत महज 5000 डाॅलर थी तो वहीं अब यह बढ़कर 62,000 डाॅलर के पार पहुंच गई है। भारतीय रुपये में अगर एक बिटक्वाइन की कीमत आंके तो यह करीब 45.35 लाख रुपये पहुंच गया है।इतनी तेजी के पीछे का कारण बिटक्वाइन में दुनिया के कई बड़े इन्वेस्टर इंवेस्ट किए हुए हैं। इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क पिछले ने भी इसमें पैसा लगाया है। उन्होंने करीब 1.5 बिलियन डॉलर का इंवेस्टमेंट इसमें किया है। एलन मस्क समय-समय पर इसमें इंवेस्ट करने की सलाह भी देते रहते हैं। मार्केट एक्सपर्ट ईड मोया के अनुसार, 'बिटक्वाइन की कीमतें एक बार फिर बहुत तेजी से बढ़ेगी। और इसे रोकना किसी के लिए भी संभव नहीं होगा।' क्रिप्टोकरेंसी का सफर करीब 350 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ बिटक्वाइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है। इसे 2009 में उस समय लॉन्च किया गया था जब दुनिया में आर्थिक संकट आ चुका था। गणितीय गणनाओं के हल के आधार पर कंप्यूटरों ने बिटक्वाइन के अतिरिक्त यूनिट्स को तैयार किया। यह गणना हर बार यूनिट के जोड़े जाने के बाद और भी जटिल होती जाती है।